योगेंद्र सावरांची : पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता योगेन्द्र साव को सुप्रीम कोर्ट से झटका लगा है. कोर्ट ने हिंसा भड़काने के मामले में गुरुवार को उनकी जमानत याचिका रद्द कर दी. सुप्रीम कोर्ट से जमानत रद्द होने के बाद योगेन्द्र साव को जेल भी जाना पड़ सकता है. इनके झारखंड आने पर रोक है, इन्हें भोपाल में रहना होगा. साथ ही पत्नी को भी भोपाल में ही रहने का आदेश दिया गया है. हजारीबाग कोर्ट से सारे मामले रांची ट्रांसफर होंगे. न्यायमूर्ति एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि झारखंड के पूर्व मंत्री ने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है.
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दंगा और भीड़ को उकसाने के आरोपित योगेंद्र साव को सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल में रहने का आदेश दिया था. झारखंड में इनके प्रवेश की मनाही थी. सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि ये झारखंड आये थे. योगेंद्र साव और उनकी पत्नी निर्मला देवी पर हजारीबाग में चल रहे मुकदमे रांची ट्रांसफर हुये हैं. योगेंद्र साव और निर्मला देवी पर हजारीबाग के बड़कागांव में एनटीपीसी के जमीन अधिग्रहण के विरोध में सरकारी काम में बाधा पहुंचाने और सुरक्षा बलों पर भीड़ से हमला कराने का आरोप है. इस मामले में दोनों के विरुद्ध बड़कागांव थाने में प्राथमिकी दर्ज है. हाइकोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद दोनों सुप्रीम कोर्ट गये थे.
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