रांची। पांचवें
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम की अगुवाई करने रांची आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी
ने प्रभात तारा मैदान में योग कर रहे हैं। योग शुरू करने से पहले प्रधानमंत्री ने योग
शिविर को संबोधित करते कहा कि योग सबका है और सबके लिए है। आप सभी को, पूरे देश और दुनिया को
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। योग के दुनिया भर में प्रसार में
मीडिया के हमारे साथी, सोशल मीडिया से जुड़े लोग जिस तरह अहम भूमिका निभा रहे हैं, वो भी बहुत महत्वपूर्ण
है। मैं उनका भी आभार व्यक्त करता हूं। इस बार ‘योगा फॉर हार्ट केयर’ की थीम पर यह आयोजन हो
रहा है। इसे लेकर प्रधानमंत्री ने कहा कि अब मुझे आधुनिक योग की यात्रा शहरों से गांवों
की तरफ ले जानी है, गरीब और आदिवासी के घर तक ले जानी है। उन्होंने कहा कि मुझे योग को गरीब और
आदिवासी के जीवन का भी अभिन्न हिस्सा बनाना है। ये गरीब ही हैं जो बीमारी की वजह से
सबसे ज्यादा कष्ट झेलते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के बदलते समय में, इलनेस से बचाव के साथ-साथ
वेलनेस पर हमारा फोकस होना जरूरी है। यही शक्ति हमें योग से मिलती है, यही भावना योग की है, पुरातन भारतीय दर्शन की
है। योग सिर्फ तभी नहीं होता जब हम आधा घंटा जमीन या मैट पर होते हैं। योग अनुशासन
है, समर्पण है और इसका पालन
पूरे जीवन करना होता है। योग आयु, रंग, जाति, संप्रदाय, मत, पंथ, अमीरी-गरीबी, प्रांत, सरहद के भेद से परे है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम यह कह सकते हैं कि भारत में योग के प्रति जागरुकता
हर कोने तक, हर वर्ग तक पहुंची है।
ड्रॉइंग रूम से बोर्ड रूम तक, शहरों के पार्क से लेकर स्पोर्ट कॉम्प्लेक्स तक,
गली-कूचों से वेलने सेंटर्स तक.. आज चारों तरफ योग का अनुभव किया जा सकता है।
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