कोलकाता । पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राष्ट्रीय पोषण सप्ताह की शुरुआत के मौके पर दावा किया है कि पश्चिम बंगाल 2020 तक कुपोषण से मुक्त हो जाएगा. रविवार सुबह उन्होंने इस बारे में ट्वीट किया. इसमें उन्होंने लिखा, “राष्ट्रीय पोषण सप्ताह आज से शुरू हो रहा है. पश्चिम बंगाल में, 2017 में महिलाओं और बच्चों में कुपोषण और एनीमिया को कम करने के उद्देश्य से राज्य पोषण मिशन शुरू किया गया था. 2020 तक इस लक्ष्य को पूरा किया जाना है.”
राष्ट्रीय पोषण सप्ताह (एनएनडब्ल्यू), भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, खाद्य और पोषण बोर्ड द्वारा शुरू किया गया वार्षिक पोषण कार्यक्रम है. यह कार्यक्रम पूरे देश में प्रतिवर्ष 01 से 07 सितंबर तक मनाया जाता है. पोषण सप्ताह मनाने का मुख्य उद्देश्य बेहत्तर स्वास्थ्य के लिए पोषण के महत्व पर जागरूकता बढ़ाना है, जिसका विकास, उत्पादकता, आर्थिक विकास और अंततः राष्ट्रीय विकास पर प्रभाव पड़ता है. प्रत्येक वर्ष पोषण सप्ताह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राष्ट्रीय पोषण सप्ताह मनाता है, जिसमें इस अवधि के दौरान बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा और उनकी बेहतरी में उचित पोषण के महत्व के बारे में जन जागरुकता पैदा करने के लिए एक सप्ताह का अभियान चलाया जाता है.
नवजात शिशु एवं बाल आहार प्रथाओं को अधिकतम बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय ने “मां-मां की असीम ममता” कार्यक्रम शुरू किया है, ताकि देश में स्तनपान का दायरा बढ़ाया जा सके. मां कार्यक्रम के अंतर्गत स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए जिला और ब्लॉक स्तर पर कार्यक्रम प्रबंधकों सहित डॉक्टरों, नर्सों और एएनएम के साथ करीब 3.7 लाख आशा और करीब 82,000 स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को संवेदनशील बनाया गया है और 23,000 से ज्यादा स्वास्थ्य सुविधा कर्मचारियों को आईबाईसीएफ प्रशिक्षण दिया गया है. साथ ही उपयुक्त स्तनपान परंपराओं के महत्व के संबंध में माताओं को संवेदनशील बनाने के लिए ग्रामीण स्तरों पर आशा द्वारा 1.49 लाख से अधिक माताओं की बैठकें आयोजित की जा चुकी हैं.
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