वाशिंगटन। अमेरिका ने चीन के शक्तिशाली निगरानी कैमरों पर निगाहें रखना शुरू कर दिया है और कहा जा रहा है कि एक सप्ताह में अमेरिका निगरानी कैमरों वाली कम्पनी ”हिकविज़न” पर पूर्णतया प्रतिबंध लगा कर इसके कैमरों के अमेरिकी साज सामान और उपकरणों पर चीनी पहुंच पर प्रतिबंध लगा देगा। चीन हिकविज़न निगरानी कैमरों के ज़रिए जहां चीन पश्चिम में उईगर मुस्लिम समुदाय की शक्ल, उनके हाव भाव, चाल चलन आदि पर नियंत्रण रखते हुए कथित अमानवीय कृत्य कर रहा है, वहीं अमेरिका सहित मित्र देशों की सुरक्षा के लिए भी ख़तरा बना हुआ है। चीन ने क़रीब तीस लाख उईगर मुस्लिम समुदाय को यातना शिविरों में रखा हुआ है, जिस पर वह अभी तक इनकार करता आ रहा है। हिकविज़न दुनिया में सब से बड़ी निगरानी कैमरा निर्माता कंपनी है, जो अपने उत्पाद पाकिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात, उज़्बेकिस्तान, इक्वेडोर सहित अनेक देशों को निर्यात कर रही है।बताया जाता है कि ट्रम्प प्रशासन अगले एक सप्ताह में इस ग्लोबल टेक कंपनी को ‘एंटीटी’ लिस्ट में डाल कर उसके अमेरिकी टेक कंपनियों से रिश्ते ख़त्म कर देगा। ऐसे में अमेरिकी कंपनियों को इस कैमरे के निर्माण में उपयोग होने वाले उपकरण प्रशासन की अनुमति के बिना निर्यात करना ग़ैर क़ानूनी हो जाएगा। उल्लेखनीय हो कि ट्रम्प प्रशासन ने पिछले दो सप्ताह में चीन के साथ व्यापार युद्ध में आयातित 200 अरब डालर के उत्पादों पर सीमा शुल्क में वृधि और चीनी टेक कम्पनी हुवाए को ‘एंटीटी’ लिस्ट में डाल कर चीन को हर संभव नीचा दिखाने की कोशिश की है। ट्रम्प प्रशासन निकट भविष्य में चीन से आयातित शेष 325 अरब डालर के उत्पादों पर भी सीमा शुल्क लगाए जाने पर विचार कर रहा है। कहा जा रहा है कि हिकविज़न पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद अमेरिका और चीन में व्यापार युद्ध एक और शिखर तक पहुँच सकता है। हालाँकि अमेरिका ने पिछले सप्ताह चीन में निर्मित कमर्शियल ड्रोन को भी सुरक्षा के लिए ख़तरनाक बताया है और कहा है कि अमेरिकी टेक कंपनियों को इस ड्रोन के आयात और इसके उपयोग से बचाना चाहिए। दुनिया भर में चीन 70 प्रतिशत कमर्शियल ड्रोन का निर्माण करता है।
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