इस्लामाबाद/लाहौर : पाकिस्तान में कट्टर इस्लामी पार्टी तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) को 1997 के आतंकवाद रोधी अधिनियम के नियम 11-बी के तहत प्रतिबंधित करने के बाद हालात बेकाबू हो गए हैं। मौलाना साद रिजवी के समर्थन में हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। समर्थकों की लगातार तीसरे दिन पुलिस और सेना के अधिकारियों के साथ झड़प हो रही है। अब तक इन झड़पों में सात लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 300 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो चुके हैं।
गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने कहा कि मैंने तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) पर प्रतिबंध लगाने के लिए पंजाब सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। उन्होंने यह भी बताया कि बीते दो दिन में प्रदर्शनकारियों के साथ झड़पों में कम से कम दो पुलिस अधिकारियों की मौत हो चुकी है जबकि 340 से ज्यादा घायल हुए हैं।
मालूम हो कि तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान पार्टी के समर्थक पैगंबर मोहम्मद का कार्टून प्रकाशित करने के मामले में फ्रांस के राजदूत को निष्कासित करने की मांग कर रहे हैं। उन्होंने राजदूत को निष्कासित करने के लिए इमरान खान सरकार को 20 अप्रैल तक का समय दिया था लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने सोमवार को पार्टी के प्रमुख साद हुसैन रिजवी को गिरफ्तार कर लिया। इससे नाराज टीएलपी ने देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था। इसी प्रदर्शनों में कई लोगों की मौत हुई है।
वहीं मंत्री शेख राशिद अहमद ने यह भी बताया कि सभी सड़कों को प्रदर्शनकारियों से खाली करा लिया गया है। हालांकि टीएलपी के अनुसार उसके कई समर्थकों की इस झड़प में मौत हो चुकी है।
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