ऐसे बनाएं अपने सीवी को दमदार…

यह जमाना मार्केटिंग का है यानी जो बिके वही सफल। जॉब मार्केट में भी यही फॉर्मूला लागू होता है। इसलिए नौकरी पाने वाले उम्मीदवार को अपनी सॉलिड मार्केटिंग करनी होती है, ताकि वह किसी स्ट्रांग कंपनी में जॉब पा सके। किसी भी नई नौकरी के लिए आपको सबसे पहले अपना रिज्यूमे यानी सीवी संबंधित कंपनी को देना होता है। आमतौर पर सीवी में उम्मीदवार के तब तक के प्रोफेशनल जीवन का पूरा इतिहास, कामयाबियां, खास-खास हुनर और व्यक्तिगत पृष्ठभूमि दर्ज की जाती है सीवी ही किसी उम्मीदवार को जरूरतमंद कंपनी को काम पर रखने के लिए तैयार करने वाला अहम दस्तावेज है। अर्थात सीवी उम्मीदवार की मार्केटिंग का औजार है। यह नियोक्ता कंपनी को आपके बारे में प्रथम सूचना देता है। अगर ये असरदार होता है, तो कंपनी आपको फौरन बुलावा भेज देती है। इसलिए इसे नियोक्ता की नजर में आने लायक बनाना ही सबसे अहम है, और यही इसकी सार्थकता है। सीनियर एचआर कंसलटेंट लुईस गोर्बी कहते हैं कि रिज्यूमे में खुद को दूसरों से अलग साबित करना जरूरी है, मसलन अन्य लोगों से आप किन मायनों में बेहतर हैं। ऐसे में बेहद जरूरी है कि रिज्यूमे में अपनी क्षमताओं के बारे में प्रभावशाली तरीके से बताएं।

कवर लैटर:- कवर लैटर सीवी के ऊपर लगाया जने वाला वह संक्षिप्त पत्र है, जिसमें कोई उम्मीदवार कंपनी विशेष में जॉब विशेष के लिए अपने सबसे अहम प्लस-प्वॉइंट्स को हाइलाइट करता है, और इस पद पर अपनी नियुक्ित के पक्ष में मजबूत दलीलें पेश करता है। इससे प्रभावित होकर ही उम्मीदवार को इंटरव्यू के लिए बुलाया जता है। अच्छा कवर लैटर लिखने के टिप्स इस प्रकार हैं…

-कवर लैटर को आपकी पेशेवर योग्यता का आईना माना जता है। इसलिए इसमें किसी तरह की गलती नहीं होनी चाहिए। इसकी भाषा ऐसी विशिष्ट होनी चाहिए कि अपेक्षित नौकरी पाने के लिए आपका जबर्दस्त जज्बा और उत्साह नजर आए। इसमें कंपनी के प्रति आपकी पॉजिटिव सोच और विश्वास प्रकट होना चाहिए।

-कवर लैटर से आपके व्यक्तित्व और महत्वाकांक्षा का आभास होना चाहिए। नियोक्ता अक्सर ऐसे कवर लैटर से प्रभावित होते हैं, जो काफी सोच-विचार कर लिखे गए हों।

-कवर लैटर में सबसे ऊपर आपके संपर्क सूत्र का उल्लेख होना चाहिए। यह नियोक्ता कंपनी के उच्चधिकारी को व्यक्तिशः संबोधित हो, तो अच्छा माना जता है।

-कवर लैटर में अपने अब तक के कार्यानुभव और उन कामयाबियों की जनकारी मजबूती से प्रस्तुत की जनी चाहिए, जो आपको बाकी उम्मीदवारों की भीड़ से अलग करते हैं। अपने विशिष्ट कार्यो का सिलसिलेवार ब्यौरा देना भी उपयोगी साबित होता है। स्पष्ट बताइए कि आप किसी खास जॉब को पाने के लिए क्यों उत्सुक हैं, और इसके लिए आपके पास कौन सी विशिष्ट योग्यताएं हैं।

-कवर लैटर में अपनी जीवनाकांक्षा का उल्लेख भी ारूर करना चाहिए। आपको बताना चाहिए कि उस आकांक्षा पूर्ति की दिशा में ये जॉब हासिल करना आपके लिए कितना अहम है। इससे आपके आत्मविश्वास और पहल करने की क्षमता का पता चलेगा।

और अंत में, ये निवेदन अवश्य कीजिए कि आप व्यक्ितशः मिलकर अपनी बात रखना चाहते हैं, और इसके लिए सुविधाजनक समय दिये जने का बेसब्री से इंतजर कर रहे हैं।

कैसे बने सीवी सार्थक…

-हर नौकरी के लिए उसकी अपेक्षाओं के हिसाब से अपना अलग सीवी बनाना चाहिए।

-अपने सीवी में अपने पेशेवर मजबूत पक्षों को इस प्रकार हाईलाइट करें, कि वे न केवल नियोक्ता कंपनी के एचआर मैनेजर की नजर में जरूर आ जए, बल्कि अन्य उम्मीदवारों से भारी भी पड़े।

-जिस पद के लिए आवेदन कर रहे हैं, उससे संबंधित अपनी योग्यताओं का सिलसिलेवार ब्यौरा सीवी में दें, और उन्हें हाईलाइट करें।

-सीवी को संक्षिप्त और स्पष्ट रखें। अनावश्यक बातें दर्ज करके बोङिाल न करें। कलात्मक फॉण्ट और हस्तलिपि का प्रयोग न करें। चारों ओर एक इंच स्पेस जरूर छोड़ें। आमतौर पर अंग्रेजी फॉण्ट टाइम्स न्यू रोमन या एरियल में बारह पॉइंट में टाइप करना ठीक रहता है।

-सीवी में टाइप और स्पैलिंग की गलती न छोड़ें। ध्यान रहे, ऑटोमैटिक स्पैल-चैक से कई बार बड़ी गलतियां छूट जती हैं।

-सीवी में उन बिंदुओं को हाईलाइट करें, जिनसे आप अपने पद और कंपनी के लिए विशेष तौर पर उपयोगी साबित हो सकते हैं।

-सीवी बनाते समय नवीनतम बाजार प्रवृत्तियों को जरूर ध्यान में रखें। लंबा-चैड़ा और मक्खनबाज सीवी न बनाएं। इससे नियोक्ता बोर होकर आपके सीवी को रद्दी में फेंक देगा।

-सीवी के कुछ स्थायी स्तंभ भी हैं, जिन्हें दर्ज करना आवश्यक है। जसे कि शक्षणिक और प्रोफेशनल योग्यता, अतिरिक्त प्रशिक्षण प्रमाण्पत्र, उल्टे क्रम में पिछली नौकरियों का ब्यौरा, संक्षिप्त व्यक्तिगत विवरण, पता, फोन नंबर, मेल एर्डैस और संदर्भ के लिए दो व्यक्तियों के नाम।

इन गलतियों से बचें…

कभी-कभी हम सीवी को आकर्षक और असरदार बनाने के लिए ऐसी-ऐसी जनकारियां ठूस देते हैं, जिन्हें देखते ही नियोक्ता बिफर सकता है। जाहिर है, ये अच्छा सीवी नहीं हो सकता। तब सवाल ये उठता है कि अच्छा सीवी तैयार करने के लिए किन-किन चीजों से परहेज किया जाए?

दरअसल, उम्मीदवारों की भीड़ से अलग दिखने के प्रयास में ही हम अपने सीवी को बोङिाल बनाने की गलती कर बैठते हैं, जिनका नौकरी मिलने से कोई ताल्लुक नहीं होता। इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है, क्योंकि जिन अधिकारियों को इंटरव्यू के लिए शॉर्टलिस्ट करने की जिम्मेदारी दी जती है, वे ऐसे सीवी को देखकर कन्फ्यूा हो जते हैं। ऐसी स्थिति में आपको न बुलाने का फैसला ही, उनके लिए सबसे आसान विकल्प बन जता है। इसलिए ये बातें ध्यान रखें…

-कभी भी अपना सीवी स्टाइलिश फॉण्ट में तैयार न करें। सीवी में केवल स्टैंडर्ड एरियल या वरदान फॉण्ट का ही इस्तेमाल करें। फैंसी फॉण्ट होने पर आपका सीवी इलेक्ट्रॉनिक स्कैनर से फिल्टर होने से भी रह जता है। आजकल अधिकतर कंपनियां इलेक्ट्रॉनिक स्कैनर का प्रयोग करती हैं। यही नहीं, सीवी का सही फॉण्ट न होने पर आपको गैर-पेशेवर भी माना ज सकता है।

-सीवी के लिए फॉण्ट के अलावा प्वॉइंट साइज भी सही होना चाहिए। हैडिंग 12 प्वॉइंट में और मैटर 10 प्वॉइंट में देना ठीक माना जता है। इससे छोटे प्वॉइंट साइज से पढ़ने में दिक्कत आती है।

-सीवी का प्रस्तुतिकरण सरल और सादा होना चाहिए। जगह-जगह इटैलिक, बोल्ड या अंडरलाइन देने से देखने वाले की आंखों की तकलीफ बढ़ जती है। सिर्फ हैडिंग और हाईलाइट के लिए बोल्ड का प्रयोग करना चाहिए। सादा सीवी सबसे पावरफुल माना जता है।

-बहुत पुरानी जनकारियों को सीवी में से हटा दें। इससे जगह बर्बाद होती है, और हासिल कुछ नहीं होता। जसे कि आपका कार्यानुभव दस साल से ज्यादा है, तो इंटर्नशिप और स्कूल प्रोजेक्ट का जिक्र बेमानी है।

-सीवी में फालतू व्यक्तिगत विवरण न दें। वाक्य छोटे रखें किसी भी तथ्य के विस्तृत स्पष्टीकरण पेश न करें।

दमदार रिज्यूमे के दस मंत्र…

कवर लैटर: सव्रे बताते हैं कि 80 प्रतिशत कंपनियां ऐसे कैंडिडेट को तरजीह नहीं देतीं जो कवर लैटर नहीं देते या उनके द्वारा लिखे गए कवर लैटर की भाषा अस्पष्ट होती है। सीधे तौर पर कहा जए, कि अगर आपका कवर लैटर आपकी जॉब के बारे में जनकारी न दे पाएं, तो उसका कोई मकसद ही नहीं। कवर लैटर एक तरह से आपके सामने खुद के अनुभव और विशेषज्ञता को बताने का मौका होता है।

संपर्क के बारे में जानकारी: अगर आपका रिज्यूमे एक से ज्यादा पेज का है, तो प्रत्येक पेज पर अपना कांटेक्ट इनफॉरमेशन जरूर दें। प्रत्येक पेज के टॉप पर अपना फोन नंबर, ई-मेल दें।

शुरुआती स्टेटमेंट: बेहतर तरीके से लिखा गया प्रभावशाली स्टेटमेंट कंपनी का ध्यान खींचता है। अपनी क्वालिफिकेशन, अनुभव और महत्वपूर्ण स्किल्स के बारे में जनकारी दें।

स्किल्स के बारे में बताएं: आप जिस क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं, उसके बारे में आपका पुराना अनुभव कितना है, इसका जिक्र जरूर करें।

ज्यादा लंबी जनकारियां न दें: अगर आप किसी स्पेसिफिक जॉब के लिए आवेदन कर रहे हैं, तो आप अपने रिज्यूमे में उसके बारे में संक्षेप में जनकारी दें। ज्यादा लंबा रिज्यूमे होने की स्थिति में कर्मचारी की रुचि जल्द ही खत्म हो जती है। अपनी वर्तमान स्किल और हालिया अनुभवों की जनकारी दें।

एक्यूरेसी: रिज्यूमे में अपनी बात छोटी, लेकिन सही कहें। प्रचलित एब्रीविएशन को ही लिखें। संभव हो जो भी जनकारी दें, उसमें एब्रीविएशन और एक्रोनम से परहेज करें।

खुद के बारे में: रिज्यूमे में उम्र, विवाहित या अविवाहित, लिंग, वजन के बारे में जनकारी न दें। रिफ्रेंस के बारे में रिज्यूमे में न बताना बेहतर रहेगा।

देखने में आकर्षक: आपका रिज्यूमे देखने में आकर्षक होना चाहिए, लेकिन ज्यादा फैंसी भी न हो, इस बात का जरूर ध्यान रखें। महत्वपूर्ण बिंदुओं को बुलेट और बोल्ड शब्दों में बताएं। उच्च गुणवत्ता वाले सफेद कागज का इस्तेमाल करें। अगर आपके रिज्यूमे से आपके संबंधी महत्वपूर्ण जनकारियां नहीं मिलतीं तो उसका कोई मकसद नहीं है। कंपनी आपके रिज्यूमे में महत्वपूर्ण जनकारियों के बारे में पहले देखती है, इसलिए उसे पहले दें।

प्रूफरीड: रिज्यूमे बनाने के बाद एक बार उसे जरूर पढ़ लें। देख लें कि कहीं कोई अनावश्यक जनकारी तो आपके रिज्यूमे में नहीं ज रही, साथ ही बड़े वाक्यों में ग्रामर की गलती न होने पाएं, इसका विशेष ध्यान रखें।

बार-बार जॉब बदलना: अपने रिज्यूमे में सारी बातों का जिक्र न करें। अगर आपका अनुभव लंबा है, लेकिन एक दो जगह ऐसी है, जहां आपने कम समय नौकरी है, तो उसके बारे में जनकारी न दें। अपनी जॉब हिस्ट्री बेहतर बनाएं।

न करें गुमराह:- सीवी वह शुरुआती दस्तावेज है, जिसके आधार पर भावी नियोक्ता आपको काम पर रखने के लिए प्रक्रिया की शुरू करता है। इसलिए सीवी लिखना किसी कला से कम नहीं है। और अच्छी नौकरी पाने के लिए तो अच्छा और सही-सही सीवी होना बहुत ही जरूरी है। यहां हम सही-सही सीवी पर इसलिए जोर दे रहे हैं, कि इसमें गुमराह करने वाले तथ्य देने से आपको काफी नुकसान हो सकता है। इसके विपरीत ईमानदारी के साथ सीवी बनाएंगे, तो नियुक्ति प्रक्रिया के आगे के चरणों में आपकी विश्वसनीयता बढ़ेगी ही।

आमतौर पर देखा गया है कि लोग अपने सीवी में अपने बारे में बढ़ा-चढ़ा कर फर्जी जनकारियां डाल देते हैं, जो अक्सर इंटरव्यू के दौरान सामने भी आ जती है, और उन्हें नौकरी नहीं मिल पाती। आमतौर पर उम्मीदवारों की तरफ से दी जाने वाली गलत जानकारियां ये हैं: ऊंचे पद और सफलताओं की अवास्तविक फेहरिस्त, जॉब प्रोफाइल में बढ़ा-चढ़ा कर दी गई जिम्मेदारियां, बार-बार जॉब बदलने वालों द्वारा इस तथ्य को छुपाने के लिए गलत तारीखों का उल्लेख, तनख्वाह और पैकेज की अवास्तविक तस्वीर, अमान्य और अधूरे कोर्स और डिग्रियों का गोलमोल जिक्र।

लेकिन याद रखिए, इंटरव्यू लेने वाले इतने नासमझ नहीं हैं कि आपके बोगस सीवी के झंसे में आ जएं। वे चंद मिनटों में ही असलियत भांप कर आपको रेस से आउट कर देंगे। क्या करें, क्या न करें? इसका जवाब इन बिंदुओं में छुपा है-

-अपनी पिछली नौकरियों की समयावधि और तारीखों में हेराफेरी न करें। अगर किसी कंपनी में अनुबंध पर रहे हैं, तो उसकी सही-सही अवधि बताएं और उसे स्थायी नौकरी न बताएं।

-शैक्षणिक योग्यता से छेड़छाड़ या गलत तस्वीर पेश न करें। अगर कोई कोर्स या डिग्री अधूरी रह गई, तो उसका स्पष्ट उल्लेख कर दें। प्रोफेशनल कोर्स अधूरा रहने पर कोई खास अंतर नहीं पड़ जाएगा। लेकिन हां, कोर्स और डिग्री का नाम बदलकर दिखाना गंभीर अपराध माना जएगा।

-अब बे-वजूद हो चुकी कंपनियों में नौकरी के बारे में उल्लेख करते समय खासतौर पर झूठ से बचें क्योंकि कोई न कोई सुराग मिलने पर झूठ पकड़ में आ सकता है।

-अप्रासंगिक और महत्वहीन नौकरी का सीवी में जिक्र करना जरूरी नहीं है। इंटरव्यू में ऐसे संघर्ष काल का चलताऊ जिक्र कर देना काफी है। लेकिन हाल के प्रासंगिक जॉब्स का पूरा ब्यौरा जरूर दें।

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