नई दिल्ली । आमतौर पर बजट में जो बदलाव होते हैं वे नए वित्त वर्ष के पहले महीने की पहली तारीख यानि एक अप्रैल से लागू हो जाते हैं। इस बार यह बदलाव एक सितंबर से होगा क्योंकि इस बार वित्त वर्ष 2019-20 के लिए बजट आम चुनाव के बाद जुलाई में पेश हुआ था। इस वजह से बजट में आयकर से जुड़े कुछ बदलाव एक सितंबर,2019 से प्रभावी होंगे। इसके अलावा सरकार ने सुरक्षा के लिहाज से ट्रैफिक नियमों में कई बदलाव किए हैं, जो रविवार एक सितंबर से लागू हो जाएंगे। इस बदलाव का आम आदमी पर कितना असर होगा। इस पर एक नजर डालते हैं।
-केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने शुक्रवार को ही स्पष्ट किया कि एक साल में एक या एक से अधिक बैंक अकाउंट, सरकारी बैंकों या डाक घरों से कुल मिलाकर एक करोड़ रुपये से अधिक की नकद निकासी पर एक सितंबर से दो फीसदी कर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) के रूप में वसूला जाएगा।
-देशभर में यातायात नियमों के उल्लंघन संबंधी नए नियम भी 01 सितंबर,2019 से लागू हो रहे हैं। नए नियमों के लागू होने के बाद इनके उल्लंघन पर 10 गुना जुर्माना देना होगा। केंद्र सरकार ने लोगों के सफर को सुरक्षित बनाने के लिए मोटर वाहन संशोधन अधिनियम-2019 के तहत कई नियमों में बदलाव किया है। ड्राइविंग नियम को तोड़ने पर 10 गुना जुर्माना देना पड़ेगा।
-एलआईसी यानि जीवन बीमा के गैर छूट वाले हिस्से पर टीडीएस लगेगा। यदि आपको मिलने वाली लाइफ इंश्योरेंस मैच्योरिटी की राशि कर योग्य है, तो शुद्ध इनकम हिस्से पर पांच फीसदी की दर से टीडीएस कटेगा। दरअसल शुद्ध आय वह राशि है, जो कुल प्राप्त राशि में से कुल इंश्योरेंस प्रीमियम भुगतान को घटाने पर प्राप्त होती है।
-एक सितंबर से अगर कोई व्यक्ति या हिंदू अविभाजित परिवार कांट्रैक्टर्स या प्रोफेशनल्स को एक साल में कुल 50 लाख रुपये से अधिक का पेमेंट करता है, तो इस पर भी 5 फीसदी की दर से टीडीएस कटेगा।
-स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) एक सितंबर से अपने ग्राहकों के लिए होम और ऑटो लोन को रेपो रेट से लिंक करेगा। इसका फायदा यह होगा कि आरबीआई के रेपो रेट में कटौती करने पर ग्राहकों को तुरंत इसका लाभ मिलेगा। हालांकि, वित्त मंत्री ने शुक्रवार को बताया कि कुल आठ बैंकों ने अपने होम और ऑटो लोन को रेपो रेट से लिंक किया है, जिसका फायादा ग्राहक को मिलेगा।
-एक सितंबर से अब आप कोई प्रॉपर्टी खरीदेंगे, तो अन्य सुविधाओं जैसे-कार पार्किंग, बिजली-पानी की सुविधा और क्लब मेंबरशिप जैसी अन्य सुविधाओं के खर्च भी टीडीएस के दायरे में आएगा।
-इसके अलावा सबसे अहम बदलाव एक सितंबर से यह होने जा रहा है कि जिन लोगों ने अभी तक आधार नंबर को पैन से लिंक नहीं करवाया है, उन्हें इनकम टैक्स डिपार्टमेंट नया पैन जारी करेगा। जुलाई में पेश हुए बजट की घोषणा के अनुसार यदि तय समय तक पैन कार्ड आधार से लिंक नहीं हो, तो वह अवैध माना जाएगा।
This post has already been read 7061 times!