अपहृत मुंशी को पुलिस ने पांच घंटे में मुक्त कराया, 10 लाख की फिरौती मांगी गई थी,

चतरा । झारखंड-बिहार सीमा स्थित हंटरगंज थाना क्षेत्र के गोसाईडीह इलाके में लंबे समय से बंद पड़े जयशंकर कंस्ट्रक्शन कंपनी के मुंशी के अपहरण मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने मामले में तत्परता दिखाते हुए घटना के महज पांच घंटे के भीतर मुंशी संपत को अपहरणकर्ताओं के चंगुल से मुक्त करा लिया है। 

हंटरगंज थाना में सोमवार को आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुलिस निरीक्षक सुजीत कुमार ने बताया कि कंस्ट्रक्शन कंपनी के मुंशी का अपहरण नक्सलियों ने नहीं बल्कि अपराधियों के गिरोह ने किया था। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में दहशत फैलाने के उद्देश्य से सक्रिय अपराधियों के एक गिरोह ने नक्सलियों के नाम का सहारा लेकर घटना को अंजाम दिया था, ताकि कंपनी के मालिक से फिरौती के रूप में मोटी रकम वसूली जा सके। लेकिन घटना के बाद से क्षेत्र में लगातार चलाए जा रहे विशेष छापेमारी अभियान से घबराकर अपराधियों ने आधी रात को अपहृत मुंशी को छोड़ दिया। घटना को अंजाम देने वाले अपहर्ताओं ने मुंशी को थाना क्षेत्र के चकला गांव से छोड़ा। इसके बाद पुलिस ने उसे सकुशल घर पहुंचा दिया।

गौरतलब है कि रविवार देर रात जयशंकर कंस्ट्रक्शन कंपनी की देखरेख करने मुंशी संपत बोड़ा डैम इलाके में गया हुआ था। वहीं से हथियारबंद अपराधियों ने खुद को पीएलएफआई नक्सली बताकर उसका अपहरण कर लिया। इसके बाद कंट्रक्शन कंपनी के मालिक श्रीनिवास सिंह से फोन पर मुंशी को रिहा करने के एवज में दस लाख रुपए फिरौती मांगी की गई थी। इसकी जानकारी कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक ने पुलिस को देते हुए कार्रवाई की मांग की थी। मुंशी की रिहाई से कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक के साथ-साथ पुलिस ने राहत की सांस ली है।

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