Ranchi : झारखंड में पंचायत सचिव अभ्यर्थियों ने ट्विटर पर अंतिम मेधासूचि जारी करने के लिए ट्विटर अभियान चलाया। पंचायत सचिव अभ्यर्थियों ने लगभग 3 लाख ट्वीट्स के साथ ट्विटर पर “हेमंत सरकार पंचायत सचिव रिज़ल्ट जारी करो” हैशटैग के ज़रिए मुख्यमंत्री से अंतिम परिणाम जारी करने की मांग की। ट्विटर कैंपेन को भारत के बड़े बड़े शिक्षाविदों ने भी अपना समर्थन दिया।
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यह ट्विटर कैंपेन पंचायत सचिव अभ्यर्थी नेहा परवीन, गौरव सिन्हा, ज्योति कुमारी, अमन शाह, रमेश लाल, भूमि यादव के नेतृत्व में चलाया गया। पंचायत सचिव अभ्यर्थियों ने बताया कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा 2017 में कुल 3088 पदों के लिए पंचायत सचिव तथा निम्नवर्गीय क्लर्क का विज्ञापन निकाला गया था। इस बहाली की सब प्रक्रिया सितंबर 2019 में पूर्ण कर ली गई थी, लेकिन 2017 से आज तक चार साल बाद भी अंतिम मेधा सूची जारी नहीं किया गया।
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के साथ विभिन्न वार्तालाप में आयोग द्वारा बताया गया कि पंचायत सचिव का अंतिम परिणाम उच्च न्यायालय में लंबित सोनी कुमारी केस का फैसला आने के बाद जारी किया जाएगा। पंचायत सचिव अभ्यर्थियों ने यहीं पर सबसे बड़ा लूप होल बताते हुए कहा कि पंचायत सचिव की बहाली के संदर्भ में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा निकाले गए किसी भी नोटिस में ये ज़िक्र नहीं था कि पंचायत सचिव की बहाली भी उच्च न्यायालय में लंबित सोनी कुमारी केस से प्रभावित है, फिर अचानक से कैसे पंचायत सचिव की बहाली को सोनी कुमारी केस से जोड़ दिया गया।
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पंचायत सचिव अभ्यर्थी ये भी बताते हैं कि सोनी कुमारी द्वारा नियोजन नीति पर किया गया केस (टीजीटी) 2016 बहाली से जुड़ा हुआ था। गौरतलब है कि पिछले वर्ष 21 सितंबर 2020 को झारखंड उच्च न्यायालय के लार्जर बेंच द्वारा सोनी कुमारी केस में फैसला सुनाते हुए माननीय उच्च न्यायालय ने अनुसूचित जिलों में चल रही टीजीटी की नियुक्ति प्रक्रिया को रद्द कर दिया था। माननीय उच्च न्यायालय से आए नियोजन नीति पर फैसले को जो सिर्फ़ टीजीटी 2016 नियुक्ति प्रक्रिया से पार्टिकुलर रूप से संबंधित था उस फैसले को जनरल मान कर पंचायत सचिव की बहाली पर थोप दिया गया है।
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पंचायत सचिव अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार अपनी इच्छा शक्ति दिखाते हुए पंचायत सचिव परीक्षा की अंतिम मेधासुची जल्द जारी करें क्योंकि पंचायत सचिव की बहाली में किसी प्रकार का क़ानूनी अड़चन नहीं है।
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