संविधान की प्रस्तावना में संविधान का मूल उद्देश्य : सुनील कुमार वर्णवाल

रांची । राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के सचिव सुनील कुमार वर्णवाल ने कहा कि संविधान अधिकार व स्वतंत्रता की बात करता है। यह बड़ा मार्गदर्शक है। यह हमारी जिम्मेवारी भी तय करता है। हमें देश व अपने राष्ट्र के प्रति कैसा व्यवहार करना चाहिए।

हमें अपने मानस पटल पर संविधान में अंकित 11 मौलिक कर्तव्यों को अपने मानस पटल पर रखना चाहिए। यह जिम्मेवारी व कर्तव्यों का बोध कराता है। इसके सहयोग से देश के लिए हम बहुत कुछ कर सकते हैं। वर्णवाल सूचना भवन सभागार में मंगलवार को 70 वें संविधान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे।

मौलिक कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना उद्देश्य

वर्णवाल ने बताया कि संविधान दिवस को पूर्व में विधि दिवस के रूप में मनाया जाता था लेकिन भारत सरकार ने निर्णय लिया कि संविधान के महत्व को हर व्यक्ति तक पहुंचाना है। इसलिए संविधान दिवस के आयोजन की शुरूआत हुई। संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर के योगदान और महत्व को भी स्मरण किया जाना चाहिए।

उन्हें भी आज के दिन याद रखने की जरूरत है। वर्णवाल ने कहा कि आजादी के बाद खुद के संविधान की रूपरेखा तैयार हुई। संविधान पर चर्चा हुई। विविधताओं को ध्यान में रखकर इसे अंतिम रूप दिया गया। सभी प्रकार की विभिन्नताओं की परिकल्पना को इसमें शामिल किया गया। हमारे संविधान की मूल संवेदना प्रस्तावना में निहित है जो हमारे लिए प्रासंगिक व मार्गदर्शक का काम करता है।

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