Jharkhand : झारखंड के धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा को उनकी जयंती पर झारखंड वासियों ने याद किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित कई बड़े नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर कहा : धरती आबा बिरसा मुंडा की जयंती पर झारखण्ड के अमर वीर शहीदों एवं आंदोलनकारियों के संघर्ष और शहादत को शत-शत नमन! बिरसा मुंडा की जयंती और राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर सभी झारखण्ड वासियों को हार्दिक शुभकामनाएं और जोहार। 54 साल की दुलारी ने नामुमकिन को मुमकिन कर…
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Jharkhand : भगवान बिरसा मुंडा जयंती के अवसर पर, राष्ट्रीय युवा शक्ति द्वारा रक्तदान शिविर का आयोजन
Ranchi : भगवान बिरसा मुंडा जी के जयंती पर राष्ट्रीय युवा शक्ति द्वारा रांची के बिरसा मुंडा चौक पर रक्तदान शिविर लगाया गया जिसमें 50 सदस्यों ने रक्तदान दिया।जिसके बाद सभी ने भगवान बिरसा मुंडा जी के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनको श्रद्धा सुमन अर्पित किया 54 साल की दुलारी ने नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया, उनका संघर्ष उन्हें पद्मश्री दिलाएगा राष्ट्रीय युवा शक्ति की पूरी टीम गांव जाकर उनको श्रद्धा सुमन अर्पित किया हजारों हजारों की संख्या में गांव वासियों के साथ वहां पर दीप जलाएं वहां पर जरूरतमंद…
Read MoreJharkhand : बिरसा मुंडा की जयंती आज पूरा राष्ट्र जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मना रहा है : पवन साहू
Ranchi : आज धरती आबा अमर शहीद बिरसा मुंडा जी की जयंती जिसे आज पूरा राष्ट्र जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मना रहा है! इस शुभ दिवस पर भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के अध्यक्ष पवन साहू जी के नेतृत्व में बिरसा चौक स्थित भगवान बिरसा मुंडा जी की आदमकद प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। 54 साल की दुलारी ने नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया, उनका संघर्ष उन्हें पद्मश्री दिलाएगा बिरसा मुंडा जी एक ऐसे आंदोलनकारी नेता थे जो न सिर्फ अंग्रेजो के खिलाफ यहां के…
Read MoreJharkhand : जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर एसबीयू में बिरसा मुंडा की 146वीं जयंती आयोजित
Ranchi : जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर सरला बिरला विश्वविद्यालय सभागार में माननीय कुलपति प्रोफेसर डॉ गोपाल पाठक की अध्यक्षता में आदिवासी नायक भगवान बिरसा मुंडा की 146वीं जयंती आयोजित की गई। 1 अक्टूबर 1894 को बिरसा मुंडा के नेतृत्व में मुंडाओं ने अंग्रेजों से लगान के विरोध में प्रखर आंदोलन किया था! जिसके बाद 1895 में उन्हें गिरफ्तार कर हजारीबाग केंद्रीय कारावास में 2 साल तक बंद कर रखा गया गया था। कारावास से मुक्ति के बाद उन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध सशक्त क्रांति का आह्वान किया था जो…
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