-बांधों के विरोध में 23 फरवरी से अनशन की घोषणाहरिद्वार : मातृ सदन के संस्थापक स्वामी शिवानंद ने चमोली आपदा का मुख्य कारण गंगा नदी पर बन रहे बांधों को बताया है। उन्होंने रविवार को कहा कि गंगा में बन रहे बांधों के विरोध में फिर अनशन शुरू किया जाएगा। 23 फरवरी से मातृ सदन का एक संत अनशन पर बैठेगा।स्वामी शिवानंद ने कहा कि मातृ सदन लंबे समय जल विद्युत परियोजनाओं, बांधों और खनन के खिलाफ शंखनाद कर रहा है। कई बार अनशन किया गया है। मातृ सदन के तीन संतों ब्रह्मचारी गोकुलानंद, ब्रह्मचारी निगमानंद और प्रोफेसर जीडी अग्रवाल की अनशन के दौरान मौत हो चुकी है। फिर भी सरकार नहीं चेती।उन्होंने कहा कि 2013 की केदारनाथ त्रासदी और ताजा चमोली आपदा इन्हीं बांधों का परिणाम है। मातृ सदन ने अपनी चार मांगों को लेकर फिर अनशन का रास्ता चुना है। उनकी मांग है गंगा और उसकी सहायक नदियों पर बन रहे समस्त बांधों को निरस्त किया जाए। खनन पर रायवाला से लेकर रायघाटी तक पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाए। स्टोन क्रशरों को गंगा से पांच किलोमीटर दूर किया जाए। गंगा परिषद का गठन किया जाए।
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