SSC CGL 2017 परीक्षा का आयोजन अक्टूबर 2018 में हुआ था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने कैंसिल कर दिया था. लीक का आरोप लगने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला लिया था. नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से SSC की तरफ से आयोजित CGL-2017 की दोबारा परीक्षा को लेकर आखिरी राय मांगी है. SSC 2017 परीक्षा का आयोजन फरवरी 2018 में हुआ था, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने कैंसिल कर दिया था. लीक का आरोप लगने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला लिया था. उस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि यह संभव नहीं है कि इस बात का पता लगाया जा सके कि कितने छात्रों को इसका फायदा मिला या नहीं मिला. ऐसे में परीक्षा को निरस्त किया जाता है. कोर्ट ने कहा कि अब SSC या नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की तरफ से CGL 2017 परीक्षा का आयोजन किया जाएगा.
कोर्ट के आदेश पर इंफोसिस के चेयरमैन नंदन निलेकणि, कंप्यूटर एक्सपर्ट विजय भाटकर और अन्य विशेषज्ञों के नेतृत्व में एक कमेटी गठन का आदेश दिया गया था. कमेटी का गठन इसलिए किया गया था ताकि ऑनलाइन परीक्षा में किसी तरह के दुराचार से बचा जा सके.
30 लाख से ज्यादा परीक्षार्थियों ने किया था आवेदन
आपको बता दें कि SSC CGL 2017 की परीक्षा में करीब 30 लाख 26 हजार परीक्षार्थियों ने आवेदन किया था. इसके अलावा करीब इतने ही आवेदकों ने SSC CHSL 2017 के लिए फॉर्म भरा था. परीक्षा देने वाले हजारों परीक्षार्थियों ने एसएससी एग्जाम में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए सीबीआई जांच कराने की मांग की थी. परीक्षार्थियों की मांग थी कि 17 से 22 फरवरी 2018 के बीच हुए सभी पेपर की सीबीआई जांच हो. CBI ने की थी मामले की जांच
सीबीआई ने अपनी जांच के आधार पर मई में 17 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली. जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई, उनमें 10 कर्मचारी सिफी टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड के भी थे. जांच में सिफी टेक्नोलॉजी का भी पेपर लीक मामले से संबंध सामने आया था.
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