रांची। प्रदेश भाजपा के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश के नेतृत्व में राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की और ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन सौंपते हुए दीपक प्रकाश ने कहा कि राज्य भर के 2500 सहायक पुलिसकर्मी (महिला, पुरुष) विगत दिनों से मोरहाबादी खुले मैदान में तपती धूप एवम बरसात को झेलते हुए अपने छोटे छोटे बच्चों के साथ धरने पर बैठे हैं। ये सभी झारखंड के आदिवासी मूलवासी नौजवान युवक, युवतियां हैं जिनकी नियुक्ति संविदा के आधार पर वर्ष 2017 में दस हजार रुपये के एकमुश्त मानदेय के साथ विगत राज्य सरकार में नक्सल प्रभावित जिलों में नक्सलियों से लड़ने के लिये की गई थी।
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प्रकाश ने कहा कि इन जवानों ने चार वर्षों से लगातार नक्सल क्षेत्र के अतिरिक्त विधि व्यवस्था, ट्रैफिक, श्रावणी मेला, विभिन्न सरकारी कार्यालयों की व्यवस्था संभालने में भी अपनी सेवाएं दी है। इन सहायक पुलिसकर्मियों ने कोविड 19 के खिलाफ लड़ाई में भी अपना भरपूर योगदान दिया है। अपनी सेवा शर्तों एवं निर्धारित नियमावली के अनुरूप आज ये पुलिस कर्मी अपने नियमतिकरण की मांग कर रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि विगत वर्ष भी वर्तमान राज्य सरकार द्वारा इन्हें ड्यूटी से हटाने की कार्रवाई की गई थी, जिसके खिलाफ ये इसी प्रकार धरने पर बैठे थे और सरकार द्वारा ठोस आश्वासन के बाद धरना समाप्त हुआ था। प्रकाश ने कहा कि दुर्भाग्य जनक स्थिति यह है कि राज्य सरकार संवादहीन और संवेदनाहीन सरकार बन गई है। यह सरकार जनमुद्दों पर बातचीत भी करने से कतरा रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अविलंब धरना पर बैठे सहायक पुलिसकर्मियों से संवाद स्थापित कर इनकी समस्याओं का समाधान करे। प्रतिनिधिमंडल में नेता विधायक दल बाबूलाल मरांडी, प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू, प्रदीप वर्मा, बालमुकुन्द सहाय आदि शामिल थे।
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