नई दिल्ली । लोकसभा में मंगलवार को अजीबोगरीब स्थिति उस समय उत्पन्न हो गई जब स्पीकर ओम बिड़ला ने मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को नसीहत दी कि सदन में आप किसी को आज्ञा न दें, यह काम मेरा है।
दरअसल, सदन में ‘केंद्रीय शैक्षणिक संस्था (शिक्षकों के काडर में आरक्षण) विधेयक-2019′ पर चर्चा के दौरान निशंक ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सुप्रिया सुले को कहा कि आप कुछ कहना चाहती हैं, कहिए। इससे पहले सुले उनसे कुछ कहने के लिए खड़ी हुई थीं, तभी स्पीकर ने निशंक को टोकते हुए कहा कि ‘मंत्री जी आज्ञा देने का काम मेरा है, आपका नहीं है।’ इस दौरान लोकसभा में इस बिल को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
हालांकि सदन में अक्सर यह देखा जा रहा है कि स्पीकर ओम बिड़ला सत्ता पक्ष हो या विपक्ष, किसी की ओर से हंगामा करने वाले सांसद को फटकार लगाने से नहीं चूकते। पिछले दिनों उन्होंने एक सांसद को बैठे-बैठे बोलने पर फटकार लगाते हुए कहा था कि आप यहां बैठकर ज्ञान न दें। सदन नियमों से चलेगा, पहले कैसे भी होता आया हो, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
राजस्थान के कोटा से दूसरी बार सांसद चुने गए ओम बिड़ला को 17वीं लोकसभा में स्पीकर बनाया गया है। कम अनुभवी होने के बावजूद बिड़ला सदन को नियमों के मुताबिक और कठोरता से चलाने में अब तक सफल रहे हैं। यही कारण है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ओम बिड़ला को नरम दिल बताते हुए उनकी तारीफ की थी और कहा था कि डर है कि कोई सदन में उनकी विनम्रता का गलत फायदा न उठाए।
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