सोरेन परिवार ने ही आदिवासियों की जमीन लूटीः प्रदेश प्रवक्ता

दुमका । खुद को तथाकथित रूप से आदिवासियों का हितैषी बताने वाले सोरेन परिवार आदिवासियों के सबसे बड़े जमीन लूटने का काम किया। सबसे ज्यादा राज्य में किसी ने सीएनटी व एसपीटी एक्ट का उल्लंघन सोरेन परिवार ने किया।

उक्त बातें प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कही। वह मंगलवार को पत्रकारों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जल, जंगल, जमीन का नारा उछालने वाले हेमंत ने खुद सीएनटी व एसपीटी एक्ट के उल्लंघन कर राज्य के कई जगहों पर आदिवासियों की जमीनें हड़पी है। प्रदेश प्रवक्ता ने झामुमो के हेमंत सोरेन व उनके परिवार पर आरोप लगाये। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के उद्धार के नाम पर अपने और अपने परिवार का उद्धार किया। एक दिन में 16 रजिस्ट्री कराने का रिकॉर्ड भी इन्हीं के नाम है। प्रदेश प्रवक्ता ने सोरेन परिवार के द्वारा अर्जित की गई जमीनों का सूची भी सार्वजनिक करते हुए कहा कि सोरेन परिवार के पास अकूत संपत्ति है।

उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि सोरेन जी, आपने हरमू में राजू उरांव से कैसे जमीन खरीदी है। हेमंत बताएं कि हरमू में जो सोहराय भवन बना है, उसके लिए पैसे कहां से लाये। उन्हें सोहराय भवन की कीमत भी सार्वजनिक करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आदिवासियों की हितों की बात करने वाले हेमंत सोरेन आदिवासियों को ठगने का काम किया है। उनके मनसूबों को दुमका की जनता समझ चुकी है। इसी वजह से वे बरहेट से भी अपना भाग्य आजमा रहे हैं।

लेकिन, उन्हें यह नहीं पता है कि उन्हें यहां से भी मुहं की खानी पड़ेगी। हेमंत सोरेन, उनकी भाभी सीता सोरेन भी जामा से चुनाव हार रहे है। जनता अब सोरेन परिवार को नहीं बख्शने वाली है। उन्होंने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री रघुवर दास ने संथाल परगना का अब तक 140 से ज्यादा बार दौरा किया। संथाल परगना के आदिवासी मूलवासियों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ा है, तो दूसरी ओर सोरेन परिवार ने सिर्फ आदिवासी मूल वासियों को वोट बैंक बना कर रखा। इस चुनाव में यहां के आदिवासी मूलवासी झारखंड मुक्ति मोर्चा का राजनीतिक रूप से सफाया कर देंगी।

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