झामुमो की दहलीज पर सरफराज अहमद

गिरिडीह। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य रहे, एकीकृत बिहार प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख  सरफराज अहमद झारखंड मुक्ति मोर्चा की दहलीज पर खड़े है। मौजूदा राजनीतिक परिस्थियों ने उन्हे इस मुकाम पर ला खड़ा किया है।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस, झामुमो और राजद गठबंधन के तहत गिरिहीह जिले की छह विधानसभा सीटों में से जमुआ सीट कांग्रेस के खाते में और गिरिहीह, डुमरी, धनवार एवं  गाण्डेय झामुमो के खाते में गयी है। शेष बगोदर सीट पर भाकपा माले उम्मीदवार विनोद सिंह के समर्थन में यूपीए गठबंधन फिलहाल उम्मीदवार देने के पक्ष में नहीं है।

इस सीट का इतिहास देखें तो गिरिडीह के पूर्व सांसद डॉ. अहमद गाण्डेय विधानसभा क्षेत्र से दो बार जीत चुके हैं। लेकिन 2014 के चुनाव में भाजपा यहां से जीती और दूसरे स्थान पर जेएमएम के सालखन सोरेन रहे। जिसके कारण गाण्डेय सीट पर कांग्रेस कायदे से अपना दावा नहीं कर सकी। अबतक कांग्रेस अलाकमान चाहकर भी गाण्डेय सीट अपने कोटे में शामिल करने में सफल नहीं हुई। पार्टी सूत्रों की मानें तो कांग्रेस की कोशिश अब भी जारी है। लेकिन झामुमो का कहना है कि गाण्डेय झामुमो की परम्परागत सीट रही है।
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि गाण्डेय विधानसभा सीट पर अल्पसंख्यक और आदिवासी वोटर हार-जीत तय करने की स्थिति में हैं। जब-जब इन मतों में बिखराव हुआ, उसका सीधा लाभ भाजपा को मिला। 2014 के चुनाव में भी भाजपा के प्रो. जयप्रकाश वर्मा इस सीट से जीते। भाजपा ने काफी मंथन के बाद एकबार फिर अपने पुराने योद्धा को टिकट दिया है। सियासी हल्कों में चर्चा है कि डॉ. अहमद हर हाल में चुनाव लड़ने के मूड में हैं। सिम्बल हाथ का हो या तीर-धनुष, इसका खुलासा एक-दो दिनों में हो जायेगा। 

This post has already been read 7634 times!

Sharing this

Related posts