नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने एससी-एसटी एक्ट में गिरफ्तारी के प्रावधानों को हल्का करने के पिछले साल दिये गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मामले में दो जजों की बेंच के फैसले को निरस्त कर दिया है। पिछले साल दो जजों की बेंच ने अपने फैसले में माना था कि एससी-एसटी एक्ट में तुरंत गिरफ्तारी की व्यवस्था के चलते कई बार बेकसूर लोगों को जेल जाना पड़ता है। कोर्ट ने तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी।
इसके खिलाफ सरकार ने पुनर्विचार अर्जी दायर की थी। कोर्ट ने पिछले 18 सितम्बर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।पिछले साल दिए इस फैसले में कोर्ट ने माना था कि एससी-एसटी एक्ट में तुरंत गिरफ्तारी की व्यवस्था के चलते कई बार बेकसूर लोगों को जेल जाना पड़ता है। कोर्ट ने फैसले में तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी।
बाद में केंद्र सरकार ने रद्द किए गए प्रावधानों को दोबारा जोड़ दिया था।पिछले 24 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने एससी-एसटी एक्ट में सरकार की ओर से किये गए बदलाव के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार की ओर से किये गए संशोधन पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया था।सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं में एससी एसटी एक्ट के मामलों में तुरंत गिरफ्तारी के प्रावधान का विरोध किया गया है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस एक्ट में तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी लेकिन सरकार ने बदलाव कर रद्द किए गए प्रावधानों को फिर से जोड़ दिया।
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