नई दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपित रॉबर्ट वाड्रा ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में अर्जी दाखिल कर दो हफ्ते के लिए विदेश जाने की इजाजत मांगी है। याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ईडी को नोटिस जारीकर 9 दिसम्बर तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। मामले की अगली सुनवाई 9 दिसम्बर को होगी। वाड्रा ने मेडिकल ट्रीटमेंट और बिजनेस के काम के लिए विदेश जाने की इजाजत मांगी है। पिछले 13 सितम्बर को कोर्ट ने विदेश जाने की इजाजत दी थी। इसके पहले 3 जून को कोर्ट ने वाड्रा को विदेश जाने की अनुमति दी थी। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में जब कोर्ट ने पिछली एक अप्रैल को वाड्रा को अग्रिम जमानत दी थी तो ये शर्त लगाई थी कि उन्हें देश के बाहर जाने के पहले कोर्ट की अनुमति लेनी होगी। वाड्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर ट्रायल कोर्ट में अपने खिलाफ चल रहे मामले को निरस्त करने की मांग की है। ये याचिका अभी हाईकोर्ट में लंबित है। मामला वाड्रा की करीब 1.9 मिलियन ब्रिटिश पाउंड की संपत्ति की खरीद से जुड़ा हुआ है। उस मामले में ईसीआईआर के आधार पर ईडी वाड्रा से कई बार पूछताछ कर चुका है। इस मामले में वाड्रा ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। ईडी ने वाड्रा को हिरासत में लेकर पूछताछ की मांग की है और कोर्ट से कहा है कि वे जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। ईडी के मुताबिक लंदन की ये संपत्ति 12, ब्रायनस्टोन स्क्वायर में स्थित है। इस संपत्ति को संजय भंडारी ने 1.9 मिलियन ब्रिटिश पाउंड में खरीदी थी और उसे 2010 में 1.9 मिलियन ब्रिटिश पाउंड में ही बेच दी थी। भंडारी 65900 ब्रिटिश पाउंड इसके रेनोवेशन पर खर्च कर चुका है। इसका साफ मतलब है कि उस संपत्ति का असली मालिक भंडारी नहीं था बल्कि रेनोवेशन का खर्च वाड्रा ने वहन किया था। इस मामले में वाड्रा ने अपनी सफाई में कोर्ट को बताया था कि इस केस के पीछे राजनीतिक वजह है।
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