रांची। भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने मुख्यमंत्री रघुवर दास और कैबिनेट द्वारा सिर्फ स्थानीय निवासी को ही अराजपत्रित समूह -ख , तृतीय व चतुर्थ श्रेणी में नौकरी देने के फैसले का स्वागत किया। शाहदेव ने बुधवार को कहा की पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अर्जुन मुंडा की सरकार से स्थानीय नीति को परिभाषित करने के मुद्दे पर समर्थन वापस लिया था । हेमन्त के 14 महीने के कार्यकाल में स्थानीय नीति को परिभाषित करने की फाइल 14 कदम भी आगे नहीं बढ़ी ।
मगर मुख्यमंत्री बनते ही रघुवर दास ने ना सिर्फ स्थानीय नीति को परिभाषित किया, जिससे लाखों स्थानीय लोगों की नौकरी हुई। बल्कि अब तो कैबिनेट के निर्णय के बाद सिर्फ स्थानीय लोगों को ही तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में मौका मिलेगा ।इसका सबसे बड़ा फायदा यहां के आदिवासी मूलवासी समूह और दशकों से यहाँ निवास कर रहे लोगों को मिलेगा।उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन ने आदिवासी- मूलवासियों के नाम पर सिर्फ राजनीति की ।
लेकिन इन समूहों को इनका हक रघुवर दास के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने दिलाया। यही दोनों दलों के बीच की कथनी और करनी के अंतर को दिखाता है। प्रतुल ने कहा कि रघुवर सरकार ने एक कदम आगे बढ़ते हुए झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा पूर्व में निकाले हुए विज्ञापनों को निरस्त करते हुए नए विज्ञापन निकालने का आदेश दिया जिसके कारण अब पूर्व में निकाले विज्ञापनों के आधार पर भी अब एक सौ प्रतिशत स्थानीयों को ही तृतीय व चतुर्थ श्रेणी वर्ग में सरकारी नौकरी मिल सकेगी।
शाहदेव ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा और हेमंत सोरेन को झारखंडी जनता को जवाब देना चाहिए कि आखिर उन्होंने जिस मुद्दे पर सरकार गिराई थी। उस मुद्दे को अंजाम तक क्यों नहीं पहुंचाया। उन्होंने कहा कि दरअसल झारखंड मुक्ति मोर्चा और हेमंत सोरेन आदिवासी मूलवासी और यहां के स्थानीय लोगों का उत्थान ही नहीं चाहते।
उन्हें सिर्फ वोट बैंक बना कर रखना चाहते हैं ।आदिवासी मूल वासियों के हितैषी बनने वाले झामुमो की असलियत जनता के सामने आ चुकी है। अगले विधानसभा चुनाव में झामुमो का क्या हश्र होने वाला है यह किसी से छिपा नहीं है।शाहदेव ने रघुवर सरकार को पत्रकारों के लिए पेंशन योजना शुरू करने के लिए भी साधुवाद किया।
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