जमशेदपुर। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि मार्च 2019 तक राज्य के हर घर और हर गांव तक बिजली पहुंचाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि ज्ञान आधारित युग में बिजली के बिना विकास की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि बिजली उपकेंद्र बहुत पहले शुरू हो जाना चाहिए लेकिन कानूनी अड़चनों के कारण यह नहीं हो पाया। माननीय सर्वोच्च न्यायालय से आदेश प्राप्त कर इस विद्युत उपकेंद्र का लोकार्पण हो रहा है। उन्होंने कहा कि विभिन्न बस्ती क्षेत्रों में निर्बाध रुप से बिजली आने वाले समय में आपूर्ति होगी। इस कार्य को पूरा करने के लिए उन्होंने बिजली विभाग के अधिकारी, कर्मचारी, इंजीनियर संवेदक सभी को बहुत-बहुत साधुवाद और धन्यवाद दिया।
दास मंगलवार को जमशेदपुर में 33/11 केवी विद्युत शक्ति उपकेंद्र सिदगोड़ा के लोकार्पण के अवसर पर बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री ने “विकास पर्व” कार्यक्रम के तहत जमशेदपुर के सिदगोड़ा में विद्युत, सड़क, स्मार्ट क्लास, पेयजल सहित आधारभूत संरचना से संबंधित अनेक योजनाओं का शिलान्यास, लोकार्पण और डिजिटल अनावरण भी किया ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आज जो भी हूं वह जमशेदपुर की जनता के कारण हूं। विशेषकर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र की जनता के कारण इसलिए मैं पूर्वी विधानसभा क्षेत्र की जनता को नमन करता हूं कि जिनके कारण आज एक गरीब मजदूर परिवार का बेटा मुख्य सेवक बना है। उन्होंने कहा कि 1995 में जमशेदपुर की जो स्थिति थी उसमें दो तरह की व्यवस्था थी। टाटा कमांड एरिया में रहने वाले लोगों को संपूर्ण मूलभूत सुविधाएं मिलती थीं वहीं बस्तियों की जनता को बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव था। मैं सेवा करने के लिए मुख्यमंत्री बना हूं। हमने जनता से जनता की मांगों के लिए जो वादा किया था मुझे यह खुशी है कि उन्हें हमारी सरकार पूरा कर पाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे क्षेत्र की जनता का निस्वार्थ प्रेम और सहयोग मिला इसलिए मैं खुद को दुनिया का सबसे भाग्यशाली व्यक्ति मानता हूं। उन्होंने कहा कि शहर और बस्तियों की दूरी को कम करने का जो वादा किया गया था वह आज पूरा हो रहा है। जो शहर में सुविधाएं मिल रही है वहीं सुविधा बस्ती में भी मिले और इसी निमित्त बस्ती इलाकों में टाटा और जुस्को के साथ एमओयू करके पानी की व्यवस्था सरकार देने जा रही है। इस कार्य को तीव्र गति से करते हुए 1 वर्ष के अंदर जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में हर घर तक पानी पाइप लाइन के द्वारा पहुंच जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 दिसंबर तक शहर में 24 घंटे
7 दिन बिजली की तरह गांव में रहने वाले गरीब को भी नो कट 24 घंटे 7 दिन बिजली मिलेगी। उन्होंने कहा कि 60 ग्रिड, ट्रांसमिशन लाइन और नजदीक सब स्टेशन बनने के बाद गांवों में भी रहने वाले गरीब को भी 24 घंटे बिजली निर्बाध बिजली मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जमशेदपुर शहर में सभी जगह एक जैसी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए टाटा और जिसको के साथ रांची के अधिकारियों के साथ रांची में बातचीत की गई है। एक ही जगह दो तरह की व्यवस्था नहीं होनी चाहिए। राज्य इसके लिए राज्य सरकार टाटा और जूस को को राशि आवंटित करेगी और जमशेदपुर और सरायकेला में सभी जगह बिजली और पानी की संरचना उनके द्वारा पोषित की जाएगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सरायकेला और जमशेदपुर के औद्योगिक क्षेत्र ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब को भी टाटा द्वारा बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। बहुत जल्द इस पर एमओयू होगा जिसके बाद फिर टेकओवर करके यह कार्य प्रारंभ होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह जमशेदपुर के क्वार्टर एरिया में निर्बाध बिजली आपूर्ति होती है उसी तरह आने वाले समय में बागुनहातू, बिरसानगर ,जेमको जैसे बस्ती क्षेत्र में पानी बिजली की कमी नहीं रहेगी। यही वादा मैंने 1995 में किया था। मैंने 1995 में आसमान से तारे तोड़कर लाने का वादा नहीं किया था। जो मैंने सपना देखा था वह सपना पूरा होने जा रहा है।*
मुख्यमंत्री ने कहा कि जमशेदजी नासरवनजी का शहर जमशेदपुर जिस उद्देश्य के साथ बसा था उसके लिए शहरवासियों को भी एकजुट होकर प्रयास करना होगा जिससे जमशेदपुर भारत का सर्वश्रेष्ठ शहर बने। चौड़ी सड़कें, हरे-भरे पार्क, विश्वस्तरीय आधारभूत सुविधाओं से युक्त जमशेदपुर उत्कृष्ट शहर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह शहर जमशेदपुर नासरवानजी की दूरदृष्टि का परिणाम है, जिनकी सोच सिर्फ लाभांश कमाने की नहीं रही है बल्कि टाटा अपने लाभांश का 66% जनता पर खर्च करने वाली कंपनी है। उन्होंने कहा कि हमें इस बात का गर्व है कि टाटा झारखंड की धरती पर पुष्पित पल्लवित है, जिन्होंने गुलामी के समय में देश की समृद्धि के लिए काम किया।
उन्होंने कहा कि जमशेदपुर के पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण में सर्वत्र सड़कें चौड़ी हो रही हैं। सरकार के स्तर से 4 साल में नगर विकास में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। चाहे वह जमशेदपुर पूर्वी क्षेत्र हो अथवा पश्चिमी क्षेत्रीय जुगसलाई हो सिर्फ नगरीय व्यवस्था स्ट्रीट लाइट, ड्रेनेज, सीवरेज व्यवस्था को सुदृढ़ करने में 250 करोड़ रुपए सरकार ने खर्च किये हैं। उन्होंने कहा कि शहर किसी भी राज्य की आन बान शान होते हैं। इसलिए शहर की भी व्यवस्था सुव्यवस्थित रहें यह भी सरकार की प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 28 दिसंबर 2014 को सरकार गठन के बाद सर्वप्रथम 3 जनवरी को शिक्षा विभाग का रिव्यू किया। आजादी के 67 वर्ष बाद सरकारी स्कूलों की दशा दयनीय थी। झारखंड में 38000 स्कूलों में मात्र 7000 स्कूलों में ही बेंच डेस्क थे। शिक्षा विभाग को आदेश दिया कि हर हाल में 2 वर्ष के अंदर झारखंड के 38000 स्कूलों में बेंच डेस्क की सुविधा उपलब्ध कराई जाए ताकि हर गरीब के बच्चे को भी स्वाभिमान के साथ बेंच डेस्क पर पढ़ने की सुविधा देनी चाहिए।
झारखंड से गरीबी को समाप्त करना है तो उस गरीबी को समाप्त करने का शिक्षा सबसे बड़ा साधन है। शिक्षा ही इस राज्य की गरीबी को समाप्त कर सकती है। इसलिए शिक्षा को हमने प्राथमिकता देते हुए स्थानीय नीति नीति परिभाषित की गई और अब सभी स्कूलों में विषयवार टीचरों की बहाली की जाएगी। बच्चों को मातृभाषा में शिक्षा मिलनी चाहिए ताकि भाषा, संस्कृति और परंपरा अक्षुण्ण रहे। बांग्ला, उड़िया और 9 जनजाति भाषाओं के लिए शिक्षकों की बहाली करने का कार्य भी सरकार ने किया है ताकि झारखंड की भाषा संस्कृति और परंपरा जो कि हमारी पहचान है वह कायम रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि असली प्रतिभा गरीब के घर में और गांवों में है। उन प्रतिभाओं को अच्छी शिक्षा देना है। इस दृष्टिकोण से सरकारी विद्यालयों में 40 स्मार्ट क्लासेस की शुरुआत की गई है। पूरे राज्य में स्मार्ट क्लास के माध्यम से गांव में रहने वाले बच्चों को चाहे स्लम क्षेत्र के बच्चों को भी गुणवत्ता युक्त शिक्षा मिले यह हमारी जिम्मेदारी है और उस जिम्मेदारी को निभाने का काम हमारी सरकार कर रही है।*
उन्होंने कहा कि बिजली ठीक से आएगी तो बच्चे अच्छी तरह से पढ़ाई लिखाई करेंगे, किसानों के खेत में उन्नत खेती होगी, उद्योग धंधे समुन्नत बनेंगे और लोग मनोरंजन भी कर पाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली को प्राथमिकता देते हुए सरकार ने कार्य किया है। झारखंड में 68 लाख परिवार हैं। इन परिवारों में 38 लाख घरों में ही 4 वर्ष पूर्व बिजली थी 30 लाख घरों में अंधेरा था। मुख्यमंत्री ने कहा कि 4 साल में राज्य की विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने का कार्य किया गया है। हर हाल में मार्च तक झारखंड के बचे हुए घरों में हर जिले के हर गरीब के घरों में बिजली पहुंच जाएगी।जिससे गरीब का बच्चा भी बिजली की रोशनी में पढ़े लिखे और किसान को 6 घंटे बिजली मिलेगी। इसके लिए एग्रीकल्चर फीडर इसी अप्रैल माह में पूर्ण हो जाएगा। उद्योग के लिए अलग से फीडर बन रहा है और घरेलू उपयोग के लिए अलग फीडर बन रहा है ताकि किसी को किसी से कोई परेशानी ना हो।
मुख्यमंत्री ने मंच से कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित चंदा से सिद्ध संवाद करते हुए पूछा कि मुख्यमंत्री सुकन्या योजना के विषय में जो जानते हैं वह हाथ उठाएं जिसे सुनते ही पंडाल में उपस्थित अधिसंख्य लोगों ने अपने हाथ ऊपर उठाकर जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला विकास की धुरी है। यदि हमें राज्य को आगे बढ़ाना है तो महिलाओं को आगे बढ़ाना होगा। स्कूल ड्रॉपआउट और बाल विवाह प्रथा को रोकने के लिए मुख्यमंत्री सुकन्या योजना की शुरुआत सरकार ने की है। उन्होंने कहा कि स्त्री रहेगी तो सृष्टि तनी रहेगी। नारी शक्ति को सम्मान मिले इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है। यही बच्ची आगे जाकर परिवार में मां, बहन, बहू जैसी भूमिकाओ में रहती है। उन्होंने कहा कि बच्ची को अब कहीं अन्यत्र रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं है। अपने स्कूल में ही बच्चियां रजिस्ट्रेशन कराके सीधे डीबीटी के माध्यम से पैसा लाभुक के खाते में हस्तांतरित हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी गांवों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध होगा। 5000 गैलन की टंकी और डीप बोरिंग के माध्यम से राज्य के 32,000 गांवों में प्रत्येक गांव में डीप बोरिंग के द्वारा गरीब बहनों को शुद्ध पेयजल सरकार मुहैया कराएगी। उन्होंने कहा कि गांव गांव में बिजली पहुंच गई है। जिस तरह शहर में स्ट्रीट लाइट लगी है 14 वें वित्त आयोग के पैसे से झारखंड के 32,000 गांवों में भी स्ट्रीट लाइट लगेगी। गांवों में भी पेवर्स ब्लॉक की रोड बनेगी। उन्होंने कहा कि गांव और शहर में के अंतर को मिटाने का निर्णय राज्य भर के मुखिया के साथ बैठ कर लिया गया है। विकास की गंगा गांव गांव तक पहुंचाना है। यह मेरे जीवन का संकल्प है और यह संकल्प मैं सवा तीन करोड़ जनता के साथ मिलकर पूरा करूंगा।
दास मंगलवार को जमशेदपुर में 33/11 केवी विद्युत शक्ति उपकेंद्र सिदगोड़ा के लोकार्पण के अवसर पर बोल रहे थे।
मुख्यमंत्री ने “विकास पर्व” कार्यक्रम के तहत जमशेदपुर के सिदगोड़ा में विद्युत, सड़क, स्मार्ट क्लास, पेयजल सहित आधारभूत संरचना से संबंधित अनेक योजनाओं का शिलान्यास, लोकार्पण और डिजिटल अनावरण भी किया ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं आज जो भी हूं वह जमशेदपुर की जनता के कारण हूं। विशेषकर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र की जनता के कारण इसलिए मैं पूर्वी विधानसभा क्षेत्र की जनता को नमन करता हूं कि जिनके कारण आज एक गरीब मजदूर परिवार का बेटा मुख्य सेवक बना है। उन्होंने कहा कि 1995 में जमशेदपुर की जो स्थिति थी उसमें दो तरह की व्यवस्था थी। टाटा कमांड एरिया में रहने वाले लोगों को संपूर्ण मूलभूत सुविधाएं मिलती थीं वहीं बस्तियों की जनता को बिजली, पानी, सड़क, शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव था। मैं सेवा करने के लिए मुख्यमंत्री बना हूं। हमने जनता से जनता की मांगों के लिए जो वादा किया था मुझे यह खुशी है कि उन्हें हमारी सरकार पूरा कर पाई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि मुझे क्षेत्र की जनता का निस्वार्थ प्रेम और सहयोग मिला इसलिए मैं खुद को दुनिया का सबसे भाग्यशाली व्यक्ति मानता हूं। उन्होंने कहा कि शहर और बस्तियों की दूरी को कम करने का जो वादा किया गया था वह आज पूरा हो रहा है। जो शहर में सुविधाएं मिल रही है वहीं सुविधा बस्ती में भी मिले और इसी निमित्त बस्ती इलाकों में टाटा और जुस्को के साथ एमओयू करके पानी की व्यवस्था सरकार देने जा रही है। इस कार्य को तीव्र गति से करते हुए 1 वर्ष के अंदर जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में हर घर तक पानी पाइप लाइन के द्वारा पहुंच जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 2019 दिसंबर तक शहर में 24 घंटे
7 दिन बिजली की तरह गांव में रहने वाले गरीब को भी नो कट 24 घंटे 7 दिन बिजली मिलेगी। उन्होंने कहा कि 60 ग्रिड, ट्रांसमिशन लाइन और नजदीक सब स्टेशन बनने के बाद गांवों में भी रहने वाले गरीब को भी 24 घंटे बिजली निर्बाध बिजली मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जमशेदपुर शहर में सभी जगह एक जैसी व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए टाटा और जिसको के साथ रांची के अधिकारियों के साथ रांची में बातचीत की गई है। एक ही जगह दो तरह की व्यवस्था नहीं होनी चाहिए। राज्य इसके लिए राज्य सरकार टाटा और जूस को को राशि आवंटित करेगी और जमशेदपुर और सरायकेला में सभी जगह बिजली और पानी की संरचना उनके द्वारा पोषित की जाएगी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सरायकेला और जमशेदपुर के औद्योगिक क्षेत्र ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब को भी टाटा द्वारा बिजली उपलब्ध कराई जाएगी। बहुत जल्द इस पर एमओयू होगा जिसके बाद फिर टेकओवर करके यह कार्य प्रारंभ होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह जमशेदपुर के क्वार्टर एरिया में निर्बाध बिजली आपूर्ति होती है उसी तरह आने वाले समय में बागुनहातू, बिरसानगर ,जेमको जैसे बस्ती क्षेत्र में पानी बिजली की कमी नहीं रहेगी। यही वादा मैंने 1995 में किया था। मैंने 1995 में आसमान से तारे तोड़कर लाने का वादा नहीं किया था। जो मैंने सपना देखा था वह सपना पूरा होने जा रहा है।*
मुख्यमंत्री ने कहा कि जमशेदजी नासरवनजी का शहर जमशेदपुर जिस उद्देश्य के साथ बसा था उसके लिए शहरवासियों को भी एकजुट होकर प्रयास करना होगा जिससे जमशेदपुर भारत का सर्वश्रेष्ठ शहर बने। चौड़ी सड़कें, हरे-भरे पार्क, विश्वस्तरीय आधारभूत सुविधाओं से युक्त जमशेदपुर उत्कृष्ट शहर है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह शहर जमशेदपुर नासरवानजी की दूरदृष्टि का परिणाम है, जिनकी सोच सिर्फ लाभांश कमाने की नहीं रही है बल्कि टाटा अपने लाभांश का 66% जनता पर खर्च करने वाली कंपनी है। उन्होंने कहा कि हमें इस बात का गर्व है कि टाटा झारखंड की धरती पर पुष्पित पल्लवित है, जिन्होंने गुलामी के समय में देश की समृद्धि के लिए काम किया।
उन्होंने कहा कि जमशेदपुर के पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण में सर्वत्र सड़कें चौड़ी हो रही हैं। सरकार के स्तर से 4 साल में नगर विकास में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। चाहे वह जमशेदपुर पूर्वी क्षेत्र हो अथवा पश्चिमी क्षेत्रीय जुगसलाई हो सिर्फ नगरीय व्यवस्था स्ट्रीट लाइट, ड्रेनेज, सीवरेज व्यवस्था को सुदृढ़ करने में 250 करोड़ रुपए सरकार ने खर्च किये हैं। उन्होंने कहा कि शहर किसी भी राज्य की आन बान शान होते हैं। इसलिए शहर की भी व्यवस्था सुव्यवस्थित रहें यह भी सरकार की प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 28 दिसंबर 2014 को सरकार गठन के बाद सर्वप्रथम 3 जनवरी को शिक्षा विभाग का रिव्यू किया। आजादी के 67 वर्ष बाद सरकारी स्कूलों की दशा दयनीय थी। झारखंड में 38000 स्कूलों में मात्र 7000 स्कूलों में ही बेंच डेस्क थे। शिक्षा विभाग को आदेश दिया कि हर हाल में 2 वर्ष के अंदर झारखंड के 38000 स्कूलों में बेंच डेस्क की सुविधा उपलब्ध कराई जाए ताकि हर गरीब के बच्चे को भी स्वाभिमान के साथ बेंच डेस्क पर पढ़ने की सुविधा देनी चाहिए।
झारखंड से गरीबी को समाप्त करना है तो उस गरीबी को समाप्त करने का शिक्षा सबसे बड़ा साधन है। शिक्षा ही इस राज्य की गरीबी को समाप्त कर सकती है। इसलिए शिक्षा को हमने प्राथमिकता देते हुए स्थानीय नीति नीति परिभाषित की गई और अब सभी स्कूलों में विषयवार टीचरों की बहाली की जाएगी। बच्चों को मातृभाषा में शिक्षा मिलनी चाहिए ताकि भाषा, संस्कृति और परंपरा अक्षुण्ण रहे। बांग्ला, उड़िया और 9 जनजाति भाषाओं के लिए शिक्षकों की बहाली करने का कार्य भी सरकार ने किया है ताकि झारखंड की भाषा संस्कृति और परंपरा जो कि हमारी पहचान है वह कायम रहे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि असली प्रतिभा गरीब के घर में और गांवों में है। उन प्रतिभाओं को अच्छी शिक्षा देना है। इस दृष्टिकोण से सरकारी विद्यालयों में 40 स्मार्ट क्लासेस की शुरुआत की गई है। पूरे राज्य में स्मार्ट क्लास के माध्यम से गांव में रहने वाले बच्चों को चाहे स्लम क्षेत्र के बच्चों को भी गुणवत्ता युक्त शिक्षा मिले यह हमारी जिम्मेदारी है और उस जिम्मेदारी को निभाने का काम हमारी सरकार कर रही है।*
उन्होंने कहा कि बिजली ठीक से आएगी तो बच्चे अच्छी तरह से पढ़ाई लिखाई करेंगे, किसानों के खेत में उन्नत खेती होगी, उद्योग धंधे समुन्नत बनेंगे और लोग मनोरंजन भी कर पाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली को प्राथमिकता देते हुए सरकार ने कार्य किया है। झारखंड में 68 लाख परिवार हैं। इन परिवारों में 38 लाख घरों में ही 4 वर्ष पूर्व बिजली थी 30 लाख घरों में अंधेरा था। मुख्यमंत्री ने कहा कि 4 साल में राज्य की विद्युत व्यवस्था को सुदृढ़ करने का कार्य किया गया है। हर हाल में मार्च तक झारखंड के बचे हुए घरों में हर जिले के हर गरीब के घरों में बिजली पहुंच जाएगी।जिससे गरीब का बच्चा भी बिजली की रोशनी में पढ़े लिखे और किसान को 6 घंटे बिजली मिलेगी। इसके लिए एग्रीकल्चर फीडर इसी अप्रैल माह में पूर्ण हो जाएगा। उद्योग के लिए अलग से फीडर बन रहा है और घरेलू उपयोग के लिए अलग फीडर बन रहा है ताकि किसी को किसी से कोई परेशानी ना हो।
मुख्यमंत्री ने मंच से कार्यक्रम स्थल पर उपस्थित चंदा से सिद्ध संवाद करते हुए पूछा कि मुख्यमंत्री सुकन्या योजना के विषय में जो जानते हैं वह हाथ उठाएं जिसे सुनते ही पंडाल में उपस्थित अधिसंख्य लोगों ने अपने हाथ ऊपर उठाकर जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला विकास की धुरी है। यदि हमें राज्य को आगे बढ़ाना है तो महिलाओं को आगे बढ़ाना होगा। स्कूल ड्रॉपआउट और बाल विवाह प्रथा को रोकने के लिए मुख्यमंत्री सुकन्या योजना की शुरुआत सरकार ने की है। उन्होंने कहा कि स्त्री रहेगी तो सृष्टि तनी रहेगी। नारी शक्ति को सम्मान मिले इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है। यही बच्ची आगे जाकर परिवार में मां, बहन, बहू जैसी भूमिकाओ में रहती है। उन्होंने कहा कि बच्ची को अब कहीं अन्यत्र रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं है। अपने स्कूल में ही बच्चियां रजिस्ट्रेशन कराके सीधे डीबीटी के माध्यम से पैसा लाभुक के खाते में हस्तांतरित हो जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी गांवों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध होगा। 5000 गैलन की टंकी और डीप बोरिंग के माध्यम से राज्य के 32,000 गांवों में प्रत्येक गांव में डीप बोरिंग के द्वारा गरीब बहनों को शुद्ध पेयजल सरकार मुहैया कराएगी। उन्होंने कहा कि गांव गांव में बिजली पहुंच गई है। जिस तरह शहर में स्ट्रीट लाइट लगी है 14 वें वित्त आयोग के पैसे से झारखंड के 32,000 गांवों में भी स्ट्रीट लाइट लगेगी। गांवों में भी पेवर्स ब्लॉक की रोड बनेगी। उन्होंने कहा कि गांव और शहर में के अंतर को मिटाने का निर्णय राज्य भर के मुखिया के साथ बैठ कर लिया गया है। विकास की गंगा गांव गांव तक पहुंचाना है। यह मेरे जीवन का संकल्प है और यह संकल्प मैं सवा तीन करोड़ जनता के साथ मिलकर पूरा करूंगा।
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