नई दिल्ली।
जापान में हाल ही में समाप्त हुए ओलंपिक टेस्ट का खिताब जीतने के बाद स्वदेश लौटे
भारतीय पुरूष हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह ने कहा कि एक बड़े प्रतियोगिता
में देश का नेतृत्व करने पर वह गौरवान्वित हैं। उन्होंने पहली बार उच्चतम स्तर पर
देश का नेतृत्व करने में बहुत गर्व किया। भारतीय टीम ने इस प्रतियोगिता के फाइनल
में न्यूजीलैंड को 5-0 से शिकस्त देकर खिताब जीता। हरमनप्रीत ने कहा, “टीम में
शामिल सभी लोगों के लिए यह दिखाने का शानदार अवसर था कि वे क्या कर सकते हैं। कुछ
अनुभवी खिलाड़ियों को इस टूर्नामेंट के लिए आराम दिया गया था। हमारे पास काफी युवा
टीम थी, लेकिन यह युवाओं के लिए अच्छा प्रदर्शन करने का मौका
था और मैं वास्तव में सभी ने जिस तरह का प्रदर्शन किया,उससे काफी खुश हुई। टीम ने
जापान, मलेशिया और न्यूजीलैंड जैसी टीमों के खिलाफ अच्छा
प्रदर्शन किया और मेरे लिए पहली बार भारतीय पुरुष हॉकी टीम का नेतृत्व करने के लिए
यह बहुत गर्व का क्षण था।” भारतीय टीम ने इस प्रतियोगिता में मलेशिया को
6-0 से हराकर शानदार शुरूआत की थी। इसके बाद दूसरे मैच में भारतीय टीम को
न्यूजीलैंड के हाथों 2-1 से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद भारत ने जापान को
6-3 से हराकर फाइनल में प्रवेश किया। फाइनल में भारत ने न्यूजीलैंड को 5-0 से
शिकस्त दी। हरमनप्रीत सिंह ने मई 2015 में जापान के खिलाफ
भुवनेश्वर में एक टेस्ट सीरीज़ के दौरान भारतीय टीम के लिए पदार्पण किया और 2016
रियो ओलंपिक खेलों में खेलने वाली भारतीय टीम में सबसे कम उम्र के खिलाड़ियों में
से एक बने। तब से 23 वर्षीय हरमनप्रीत ने भारत के लिए कई बड़े टूर्नामेंट में भाग
लिया,
जिसमें 2016 और 2018 में आयोजित दो एफआईएच चैंपियंस ट्रॉफी, राष्ट्रमंडल
खेल 2018, एशियाई खेल 2018 और ओडिशा हॉकी पुरुष विश्व कप
2018 शामिल हैं।
This post has already been read 7108 times!