सऊदी अरब युवराज के सम्मान में दिए भाषण में सबकुछ समेट गए प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली। भारत की आधिकारिक यात्रा पर आए सऊदी अरब के युवराज(क्राउन प्रिंस) मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल्लादीद अल साऊद के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान अपने उद्बोधन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत-सऊदी अरब के हर पहलू को छू लिया। अपने वक्तव्य में पीएम मोदी ने भारत-सऊदी अरब द्विपक्षीय संबंधों का जिक्र करते हुए ऊर्जा संबंधों की स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप, दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी और स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिज़र्व में सऊदी अरब की भागीदारी, सऊदी अरब के नागरिकों के लिए ई-वीज़ा, भारतीयों के लिए हज़ कोटे में वृद्धि; काउंटर टेरिरिज्म, समुद्री सुरक्षा और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में मजबूत द्विपक्षीय सहयोग जैसे मुद्दों पर अपनी बात रखी। नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और सऊदी अरब के भावी शासक मोहम्मद बिन सलमान बिन अब्दुल्लादीद अल साऊद की मुलाकात हुई और दोनों नेताओं ने भारत-सऊदी अरब द्विपक्षीय संबंधों को लेकर विस्तार से बात की। उसके बाद इन नेताओं के नेतृत्व में भारत-सऊदी अरब के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक हुई। बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में पीएम मोदी ने कहा कि भारत और सऊदी अरब के आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक सम्बन्ध सदियों पुराने हैं। हमारे लोगों के बीच के घनिष्ठ और निकट संपर्क हमारे देशों के लिए एक सजीव सेतु यानि लिविंग ब्रिज है। आज, 21वीं सदी में, सऊदी अरब, भारत के सबसे मूल्यवान रणनीतिक साथियों में है। 2016 में सऊदी अरब की मेरी यात्रा के दौरान, हमने अपने संबंधों को विशेष रूप से, ऊर्जा और सुरक्षा के क्षेत्रों में कई नए आयाम दिए थे। आपसे अर्जेन्टीना में 2 माह पहले हुई मुलाकात के परिणाम-स्वरूप सुरक्षा, व्यापार और निवेश के क्षेत्रों में हमारी रणनीतिक पार्टनरशिप के सार ने नया विस्तार लिया है। मुझे खुशी है कि आपके सुझाव की रूपरेखा के अनुसार, हम द्विवार्षिक शिखर सम्मेलन और स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप काउंसिल की स्थापना के लिए सहमत हुए हैं। इनसे हमारे संबंधों को मज़बूती, गति और प्रगति का लाभ मिलेगा। भारत-सऊदी अरब के आर्थिक क्षेत्र में आपसी सहयोग पर पीएम मोदी ने कहा कि हमारे अर्थतंत्र में सऊदी अरब से संस्थागत निवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए, हम एक ढांचा स्थापित करने पर सहमत हुए हैं। आपके ‘विज़न 2030’ और आपके नेतृत्व में हो रहे आर्थिक सुधार, भारत के प्रमुख कार्यक्रमों जैसे कि ‘मेक इन इंडिया’, ‘स्टार्ट-अप इंडिया’ के पूरक हैं। हमारे ऊर्जा संबंधों को स्ट्रेटेजिक पार्टनरशिप में तब्दील करने का समय आ गया है। दुनिया की सबसे बड़ी रिफाइनरी और स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिज़र्व में सऊदी अरब की भागीदारी, हमारे ऊर्जा संबंधों को खरीददार- ग्राहक संबंध से बहुत आगे ले जाती है। हम इंटरनेशनल सोलर अलायंस में सऊदी अरब का स्वागत करते हैं। परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग, विशेष-रूप से वाटर डीसेलिनेशन और स्वास्थ्य के लिए, हमारे सहयोग का एक और आयाम होंगे। पिछले साल भारत सऊदी अरब में प्रतिष्ठित जनाद्रियाह समारोह में ‘गेस्ट ऑफ ऑनर’ था। आज हमने अपने सांस्कृतिक संबंधों को और मज़बूत करने का लक्ष्य रखा है। व्यापार और पर्यटन को बढ़ाने हेतु सऊदी अरब के नागरिकों के लिए ई-वीज़ा का विस्तार किया जा रहा है। भारतीयों के लिए हज़ कोटे में वृद्धि के लिए हम आपके आभारी हैं। 2.7 मिलियन भारतीय नागरिकों की सऊदी अरब में शान्तिपूर्ण और उपयोगी उपस्थिति हमारे बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी है। रॉयल हाइनेस ने सऊदी अरब की प्रगति में उनके सकारात्मक योगदान की प्रशंसा की है। आतंकवाद पर प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले हफ्ते पुलवामा में हुआ बर्बर आतंकवादी हमला, इस मानवता विरोधी खतरे से दुनिया पर छाए कहर की एक और क्रूर निशानी है। इस खतरे से प्रभावशाली ढंग से निपटने के लिए हम इस बात पर सहमत हैं कि आतंकवाद को किसी भी प्रकार का समर्थन दे रहे देशों पर सभी संभव दबाव बढ़ाने की आवश्यकता है। आतंकवाद का इंफ्रास्ट्रक्चर नष्ट करना और इसको समर्थन समाप्त करना और आतंकवादियों और उनके समर्थकों को सजा दिलाना बहुत जरूरी है। साथ ही अतिवाद के खिलाफ सहयोग और इसके लिए एक मज़बूत कार्ययोजना की भी ज़रूरत है, ताकि हिंसा और आतंक की ताकतें हमारे युवाओं को गुमराह न कर सकें। मुझे खुशी है कि सऊदी अरब और भारत इस बारे में साझा विचार रखते हैं। पश्चिम एशिया और खाड़ी में शांति और स्थिरता सुनिचित करने में हमारे दोनों देशों के साझा हित हैं। आज हमारी बातचीत में, इस क्षेत्र में हमारे कार्यों में तालमेल लाने और हमारी भागीदारी को तेजी से आगे बढ़ाने पर सहमति हुई है। हम इस बात पर भी सहमत हुए हैं कि काउंटर टेरिरिज्म, समुद्री सुरक्षा और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में और मजबूत द्विपक्षीय सहयोग दोनों देशों के लिए लाभप्रद रहेंगे।

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