चेन्नई। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग शुक्रवार को भारत के दो दिवसीय दौरे पर चेन्नई पहुंच गए। वह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ होने वाली अनौपचारिक शिखर वार्ता में हिस्सा लेंगे। चेन्नई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर जिनपिंग का सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से स्वागत किया। दोनों नेता यहां से 56 किलोमीटर दूर समुद्र तट पर स्थित महाबलीपुरम जाएंगे। जिनपिंग शिखरवार्ता के लिए करीब 24 घंटे चेन्नई-महाबलीपुरम में प्रवास करेंगे। हवाई अड्डा परिसर में राष्ट्रपति जिनपिंग के स्वागत के लिए रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन किया गया। तमिलनाडु के लोक कलाकारों ने पारंपरिक वाद्य यंत्रों और नृत्य से उनका स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी और शी जिनपिंग की यात्रा को देखते हुए चेन्नई से महाबलीपुरम के बीच सुरक्षा का कड़ा बंदोबस्त किया गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि अनौपचारिक बैठक का स्वरूप अप्रैल में हुई बैठक की तरह ही होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग तमिलनाडु के ऐतिहासिक और पुरातात्विक महत्व के समुद्रतटीय नगर महाबलीपुरम में बिना किसी पूर्व निर्धारित एजेंडे के विचार-विमर्श करेंगे। वार्ता का उद्देश्य सीमा पर शांति व स्थायित्व कामय रखना और विश्वास बहाली के उपायों को आगे बढ़ाना है। शी जिनपिंग शनिवार अपराह्न 1ः30 बजे चेन्नई से नेपाल रवाना होंगे। अनौपचारिक शिखर वार्दा दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक महत्व के मुद्दों पर चर्चा जारी रखने और भारत-चीन क्लोजर डेवलपमेंट पार्टनरशिप को गहन बनाने पर विचारों के आदान-प्रदान का मंच है। यह प्रधानमंत्री मोदी का अनौपचारिक शिखरवार्ता के रूप में अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में एक अभिनव प्रयोग है। ऐसी वार्ता के दौरान दो शीर्ष नेता बिना किसी निर्धारित एजेंडे के द्विपक्षीय संबंधों और विश्व मामलों पर खुले दिमाग से विचारों का आदान- प्रदान करते हैं। भूटान के डोकलाम क्षेत्र में हुई सैनिक तनातनी के बाद मोदी ने पिछले वर्ष चीन के वुहान नगर में शी जिंगपिंग के साथ पहली अनौपचारिक वार्ता की थी। इस वार्ता में आपसी समझदारी और विश्वास के लिए ‘वुहान भावना’ उभरी थी। दोनों नेता इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाना चाहते हैं। ऐसी वार्ताओं में कोई अधिकारी शामिल नहीं होता । वह अधिक से अधिक दुभाषिया को साथ लेते हैं।
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