नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि उनकी अध्यक्षता वाली सूचना एवं प्रौद्योगिकी संबंधी संसद की स्थायी समिति इस महीने के आखिर तक फेसबुक से जुड़े कुछ व्हिसलब्लोअर को भारत बुला सकती है ताकि वे अपना पक्ष रख सकें। फेसबुक की पूर्व डेटा वैज्ञानिक से व्हिसलब्लोअर बनीं फ्रांसेस हौगेन ने पिछले दिनों कहा था कि ऑनलाइन नफरत तथा चरमपंथ को फेसबुक और अधिक गंभीर बना रहा है।
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उन्होंने अमेरिकी सीनेट की एक समिति के समक्ष यह भी कहा था कि फेसबुक बच्चों को नुकसान पहुंचा रहा है और ध्रुवीकरण को बढ़ावा दे रहा है। थरूर ने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और इस आरोप का जवाब देने का प्रयास किया कि संसदीय समिति और सरकार ने यहां फेसबुक के व्हिसलब्लोअर को नहीं बुलाया। आईटी संबंधी समिति के प्रमुख ने गत 12 सितंबर से 12 अक्टूबर के बीच यह समिति अस्तित्व में नहीं थी तथा अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में इसका आधिकारिक रूप से पुनर्गठन किया गया।
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थरूर के मुताबिक, पुनर्गठन के बाद समिति ने एजेंडा तय किया और लोकसभा अध्यक्ष को सौंपा। उन्होंने कहा, ”समिति 16 नवंबर और 17 नवंबर को नये सत्र की बैठकें करेगी। हमारी प्रक्रिया के तहत वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठकों की अनुमति नहीं है। विदेश से गवाहों को बुलाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष की अनुमति चाहिए। इसका प्रयास किया जा रहा है।” कुछ महीने पहले फेसबुक और ट्विटर की भारतीय इकाइयों के वरिष्ठ पदाधिकारी कई मुद्दों को लेकर संसदीय समिति के समक्ष पहुंचे थे और अपनी बात रखी थी।
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