पटना : बिहार में शिक्षा विभाग ने कोरोना महामारी को देखते हुए गुरुवार को सरकारी विद्यालयों में एक दिन में केवल एक तिहाई शिक्षकों के उपस्थित रहने का आदेश निर्गत किया है।
शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने राज्य के सभी जिलाधिकारी और जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि प्राथमिक विद्यालयों में जहां दो शिक्षक हैं वहां बारी-बारी से शिक्षक विद्यालय में उपस्थित रहेंगे। जहां दो से अधिक शिक्षक पदस्थापित हैं, वहां प्रतिदिन बारी-बारी से 33 प्रतिशत उपस्थित रहेंगे।
पत्र के माध्यम से कहा गया है कि कोरोना काल में प्राचार्य और शिक्षक विद्यालय के कार्यालय संबंधी अभिलेखों का निरीक्षण, भेजे जाने वाले प्रतिवेदनों का अपडेट, लेखा-संधारण का लंबित कार्य भी करेंगे। साथ ही अभी राजस्व विभाग द्वारा भूमि सर्वे का भी कार्य चल रहा है। ऐसी स्थित में वे अपने विद्यालय की भू-परिस्थिति संबंधी दस्तावेजों को खोजकर अंचल अधिकारी (सीओ) कार्यालय से उसका सत्यापन कराएंगे। शिक्षा विभाग ने कहा है कि जिन जिलों में अभी सर्वे का काम शुरू नहीं हुआ है। वहां भी अभिलेख आदि प्राप्त कर आगे की तैयारी कर लेंगे।
बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने इस बात को लेकर चिंता व्यक्त की है कि कोरोना संक्रमण के कारण विद्यालयों को मजबूरी में बंद रखना पड़ रहा है। 18 अप्रैल तक के सभी शिक्षण संस्थान बंद हैं और आगे समीक्षा के बाद ही इन्हें खोलने या बंद रखने का फैसला किया जाएगा। लेकिन सरकार के नए आदेश के मुताबिक अब विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिति को भी सीमित किया गया है।
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