रचनात्‍मक भूमिका निभाए विपक्ष, सत्ता पक्ष जनहित पर फोकस करेः राज्यपाल

  • राज्यपाल के अभिभाषण के साथ शुरू हुआ नये भवन में झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र

रांची: राज्‍यपाल द्रौपदी मूर्मू ने कहा कि सत्‍ता पक्ष जनहित के कार्यों पर फोकस करे और विपक्ष अपनी रचनात्‍मक भूमिका निभाए। विपक्ष को भी नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि सरकार से यदि जनहित की कोई बात छूट जाये तो प्रभावी रूप से ध्यान दिलाना चाहिए। लेकिन, इसका भी ध्यान रहे कि इस क्रम में सदन की गरिमा को ठेस न पहुंचे। विपक्ष को सिर्फ विरोध करने के लिए ही विरोध नहीं करना चाहिए। शुक्रवार को राज्‍यपाल द्रौपदी मूर्मू के अभिभाषण के साथ चतुर्थ झारखंड विधानसभा का अंतिम और विशेष सत्र नये विधानसभा भवन में हुआ। राज्‍यपाल ने संविधान की प्रस्‍तावना का उल्‍लेख करते हुए विधानसभा सदस्‍यों को नये सदन की बधाई दी और इसकी गरिमा की रक्षा करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यह याद रखना होगा कि प्रदेशवासियों की आकांक्षाओं को पूरा करने और उनकी सेवा करने के लिए विधायक चुने गये हैं। राज्य की सर्वोच्च प्रतिनिधि संस्था के सदस्य होने के नाते लोगों की इच्छा को मूर्त रूप देने के लिए काम करें। विधायक के रूप में मूल कर्तव्य है कि आप कार्यपालिका के कामों की निगरानी करें और लोगों की समस्याओं के प्रति सजग, सचेत और जवाबदेह रहें। लेकिन, सवाल यह उठता है कि विधानसभा के एक सदस्य के रूप में कितने प्रभावी और समर्थ हैं। उन्होंने कहा कि जनता अपने क्षेत्र के प्रतिनिधि का चयन बहुत आशा, अपेक्षा और विश्वास के साथ करती है। जनप्रतिनिधियों में स्वस्थ कंपीटिशन होना चाहिए। राज्यपाल ने कहा कि जनप्रतिनिधियों में भी स्वस्थ कंपीटिशन होना चाहिए कि किसका क्षेत्र कितना ज्यादा खुशहाल है और कहां सबसे बेहतर तरीके से योजनाएं संचालित हो रही हैं। रामराज्य की स्थापना के लिए जनप्रतिनिधि, जनता, पदाधिकारी और कर्मियों को ईमानदार होना जरूरी है। सोशल मीडिया और सूचना तकनीक के इस युग में जनता हर गतिविधि पर ध्यान रखती है और आपके आचरण का आकलन करती है। राज्‍यपाल ने कहा कि राष्ट्र निर्माण एक अनवरत प्रक्रिया है और हम सभी का दायित्व है कि इससे जुड़े लक्ष्य समय पर पूरे हों। सदन किसी एक दल का नहीं है। इसलिए सर्वोच्च प्रतिनिधि संस्था के सदस्य दलीय प्रतिबद्धता से ऊपर उठकर स्‍वस्‍थ माहौल में वाद-विवाद करे और राज्य की जनता का भलाई करें। विशेष सत्र में स्पीकर डॉ. दिनेश उरांव, मुख्यमंत्री रघुवर दास, संसदीय कार्य मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा, नगर विकास मंत्री सीपी सिंह, कांग्रेस के आलमगीर आलम, विधायक सरयू राय, अनंत ओझा आदि शामिल हुए।

विशेष सत्र में शामिल नहीं हुए नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन

झारखंड विधानसभा के नये भवन में आयोजित विशेष सत्र का नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन और उनकी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के विधायकों ने बहिष्कार किया। हालांकि उनके दल के निलंबित विधायक जयप्रकाश भाई पटेल सदन में उपस्थित रहे। संसदीय कार्यमंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष से खुद संपर्क करने की कोशिश की। उनके घर जाकर आमंत्रित करने वाला था। इसके लिए दो-दो बार फोन किया पर उनके पीए से बात हुई, नेता प्रतिपक्ष से बात नहीं हो पायी और न ही उनसे मिलने का समय दिया गया। उल्लेखनीय है कि हेमंत ने आरोप लगाया कि चुनाव में लाभ लेने के लिए सभी नियम-कानून को ताक पर रखकर अर्द्धनिर्मित विधानसभा भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कराया गया। भवन के पूरा होने में अभी दो-तीन माह लगेंगे। सूत्रों की मानें तो सरकार के निमंत्रण पत्र में नेता प्रतिपक्ष का नाम शामिल नहीं किये जाने के कारण हेमंत सोरेन नाराज हैं। एक दिन पहले गुरुवार को ही उन्होंने पार्टी के विधायकों को विधानसभा के उद्घाटन समारोह से दूर रहने का निर्देश दिया था।

जेल से विशेष अनुमति लेकर विशेष सत्र में शामिल हुए प्रदीप यादव

झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) विधायक प्रदीप यादव जेल से विशेष अनुमति लेकर सत्र में शामिल हुए। उल्लेखनीय है लोकसभा चुनाव के दौरान झाविमो की ही एक महिला नेत्री ने प्रदीप यादव के खिलाफ यौन शोषण की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। उसी मामले में वे जेल में हैं। यौन शोषण का मामला दर्ज होने के बाद विधायक यादव को अपनी पार्टी के केंद्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा देना पड़ा था।

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