बस पर डंपर पलटने से 2 की मौत, 27 घायल

गुवाहाटी। राजधानी के वशिष्ठ थाना अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग-37 पर बीती मध्य रात्रि एक बस पर डंपर पलटने से दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 27 लोग घायल हैं। यह दुर्घटना आठ माइल इलाके में गणेश मंदिर और खानापाड़ा के बीच हुई है। घायलों में 10 लोगों की हालत बेहद गंभीर बताई गई है।

पुलिस के अनुसार कामरूप (ग्रामीण) जिले के छयगांव से गोलाघाट जिले के एक एनआरसी केंद्र में रि-वेरिफिकेशन के लिए एक बस एएस-01एफसी-3242 में 29 से अधिक लोग सवार थे। रात्रि करीब 12 बजे आठ माइल इलाके में अलकतरा मिश्रित गिट्टी लेकर जा रहा तेज रफ्तार एक डंपर एएस-14सी-0698 बस पर पलट गया। डंपर में लदा गिट्टी मिश्रित अलकतरा बेहद गर्म था। बस में सवार सभी यात्री बुरी तरह झुलस गए। साथ ही बस के पीछे-पीछे आ रहा एक बाइक एएस-01बी-6665 सवार दो लोग भी इस हादसे की चपेट में आ गए। उन दाेनों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। घायलों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।

राहगीरों ने हादसे की जानकारी एंबुलेंस और पुलिस को दी, लेकिन एक घंटे बाद तक मौके पर खानापड़ा के चार ट्रैफिक जवानों के अलावा कोई नहीं पहुंचा। लोग बार-बार 108 एंबुलेंस को फोन करते रहे पर राजधानी से महज 7 किलोमीटर दूर घटनास्थल तक एंबुलेंस नहीं पहुंच पाई। इससे स्थानीय लोग आक्रोशित हो उठे। जैसे-तैसे लोगों ने गुवाहाटी जा रहे कई निजी वाहनों को रुकवाकर घायलों को अस्पताल भेजा।

घायलों में कुछ का इलाज जीएनआरसी अस्पताल में चल रहा है, जबकि कई लोगों काे गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती किया गया है। करीब 10 लोगों की हालत बेहद गंभीर बताई गई है। इस दुर्घटना में मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। खबर लिखने तक एआईयूडीएफ का एक प्रतिनिधिमंडल मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा ले रहा था। 
एआईयूडीएफ प्रतिनिधियों ने कहा कि एनआरसी के नाम पर एक विशेष समुदाय के लोगों को सताया जा रहा है। उसी का उदाहरण है यह घटना। यह दुर्घटना हृदय विदारक है। उन्होंने कहा कि हमने रविवार को एनआरसी में एक विशेष समुदाय को सताए जाने को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरी घटना की जानकारी सार्वजनिक की थी। एनआरसी हियरिंग के नाम पर लोगों को 500 से 600 किलोमीटर दूर भेजा जा रहा है। जो उच्चतम न्यायालय के निर्देश की अवहेलना है।

एआईडीएफ ने मांग की है कि सभी घायलों को राज्य सरकार मुफ्त में इलाज कराए। घायलों व मारे गए लोगों के परिवार वालों को सरकार सहायता राशि दे। हादसे की उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। राष्ट्रीय राजमार्ग पर चलने वाले अवैध ओवरलोड वाहनों की भी जांच होनी चाहिए।

दुर्घटना के बाद ऑल असम माइनारिटी स्टूडेंट यूनियन के नेता भी मौके पर पहुंचे और अस्पताल का दौरा कर घायलों का हालचाल जाना। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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