मल्टीपल स्क्लेरोसिस बीमारी के बेहतर निदान के लिए जारी है शोध कार्य

नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा है कि दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में मल्टीपल स्क्लेरोसिस के बेहतर निदान और उपचार के लिए मल्टीपल स्क्लेरोसिस क्लिनिक शुरू किया गया है। डॉ. हर्षवर्धन शुक्रवार को लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत में मल्टीपल स्क्लेरोसिस बीमारी प्रति 01 लाख व्यक्तियों में 10 से 20 लोग इसकी टपेट में हैं। इस बीमारी से निपटने के लिए व्यापक स्तर पर शोध कार्य भी किया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि मल्टीपल स्क्लेरोसिस बीमारी होने से शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली ही माइलिन तंत्रिका तंतुओं तथा शरीर में माइलिन का निर्माण करने वाली विशेष कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाती है। पहले यह बीमारी पश्चिम के देशों में अधिक होती थी, लेकिन हाल के दिनों में भारत में भी इसके मामले बढ़ रहे हैं। इस रोग के लक्षण सामान्य बीमारियों की तरह ही होता है। आम लोग इस बीमारी को पहचान नहीं पाते, लेकिन इसके होने के बाद यह केंद्रीय तंत्रिका तंत्र, विशेष रूप से मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी और दृष्टि से संबंधित नसों को प्रभावित कर देता है और इस बीमारी के ठीक होने में लंबा समय लगता है।

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