मुंबई। नकदी संकट से जूझ रही विमानन कंपनी जेट एयरवेज के एक हजार से अधिक पायलटों ने वेतन नहीं मिलने तथा कंपनी के पुनरुद्धार की योजना स्पष्ट नहीं होने के कारण एक अप्रैल से उड़ान नहीं भरने का निर्णय लिया है। पायलटों के एक संगठन ने शुक्रवार शाम को इसकी जानकारी दी। जेट एयरवेज के करीब 1,100 पायलटों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन नेशनल एविएटर्स गिल्ड ने वेतन का भुगतान नहीं होने और 31 मार्च तक पुनरुद्धार योजना स्पष्ट नहीं होने पर एक अप्रैल से उड़ान नहीं भरने की चेतावनी पिछले सप्ताह दी थी। इसके कुछ ही दिन बाद कंपनी का नियंत्रण भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के एक समूह के पास चला गया। गिल्ड ने शुक्रवार को बैंकों से कंपनी को पैसा नहीं मिल पाने के बाद चेतावनी पर अमल करने की घोषणा की। गिल्ड के अध्यक्ष करण चोपड़ा ने सदस्यों को एक संवाद के जरिये बताया, ‘‘भारतीय स्टेट बैंक से मिलने वाले अंतरिम वित्त पोषण का एक भाग 29 मार्च तक आवंटित होने वाला था। दुर्भाग्यपूर्ण है कि राशि का हस्तांतरण नहीं हो सका और प्रबंधन की ओर से वेतन भुगतान को लेकर कोई जानकारी नहीं मिली है। पायलटों ने मुंबई और दिल्ली में सामूहिक तौर पर उड़ान नहीं भरने का निर्णय लिया जो कि एक अप्रैल से प्रभावी है।’’ उल्लेखनीय है कि जेट एयरवेज के पायलटों समेत इंजीनियरों और प्रबंधन के वरिष्ठ अधिकारियों को करीब चार महीने से वेतन नहीं मिला है। जेट एयरवेज ने एक बयान में कहा कि परिचालन को पुन: सामान्य बनाने के लिये हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं।
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