चुनाव प्रचार के दौरान प्लास्टिक के इस्तेमाल पर निगरानी रखी जाए

नई दिल्ली । राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने चुनाव आयोग और सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों को प्लास्टिक खासकर उसके बैनरों एवं होर्डिंग के इस्तेमाल के खिलाफ जारी परामर्श के अनुपालन पर निगरानी रखने का निर्देश दिया है। एनजीटी का फैसला तब आया है जब उसे बताया गया कि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय ने सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों और मुख्य चुनाव अधिकारियों से चुनाव अभियानों के दौरान उसके विकल्पों का इस्तेमाल करने को कहा है। मंत्रालय ने कहा कि उसने उन्हें पत्र लिखकर अपघटित हो जाने वाले प्लास्टिक, प्राकृतिक रेशे, पुनर्चक्रित कागज और अन्य पर्यावरण अनुकूल सामग्री का इस्तेमाल करने को कहा है।

अधिकरण ने कहा, ‘‘इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि पर्यावरण एवं वन मंत्रालय एवं चुनाव आयोग ने यह रूख अपनाया है कि चुनाव के दौरान प्लास्टिक खासकर उसके बैनर/होर्डिंग के इस्तेमाल से बचा जाए, यह उपयुक्त होगा कि उक्त परामर्श/निर्देश के अनुपालन पर चुनाव आयोग, राज्यों /केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य चुनाव अधिकारियों एवं केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा उपयुक्त निगरानी रखी जाए।

एनजीटी अध्यक्ष न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल की अगुवाई वाली पीठ ने एक याचिका पर यह निर्देश जारी किया। इस याचिका में पर्यावरण एवं वन मंत्रालय तथा राज्यों को चुनाव अभियान के दौरान प्रचार एवं विज्ञापन के लिए बैनरों एवं र्होडिंग के लिए अल्पकालिक पीवीसी, सिंथेटिक प्लास्टिक पॉलीमर और क्लोरिनेटेड प्लास्टिक के होने वाले इस्तेमाल पर रोक लगाने का निर्देश देने की मांग की गयी है। डब्ल्यू एडविन विल्सन ने याचिका दायर कर दावा किया था कि चुनाव के दौरान प्लास्टिक की चुनाव सामग्री का इस्तेमाल किया जाता है और बाद में उसे फेंक दिया जाता है जो पर्यावरण के लिए नुकसानदेह है।

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