नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और हिन्दुत्व के समर्थकों ने रविवार को सोशल मीडिया के सशक्त मंच ‘ट्विटर’ पर गैर-वामपंथी विचारधारा वाले सदस्यों की वैचारिक स्वतंत्रता पर अंकुश लगाने का आरोप लगाते हुए दिल्ली में मौन मार्च निकाला। आलम यह रहा कि ट्विटर पर आज दिनभर ‘हैशटैग प्रोटेस्ट अगेंस्ट ट्विटर’ पहले स्थान पर ट्रेंड करता रहा।
इस दौरान विपक्षी विचारों से प्रभावित लोगों ने हिन्दुत्व समर्थकों का उपहास उड़ाते हुए उन्हें ट्विटर छोड़ने की सलाह दी। वहीं मार्च में शामिल विकास पांडे ने कहा कि ट्विटर हिंदू समर्थकों खासकर मोदी समर्थकों के अकाउंट को सस्पेंड करता है। उन्होंने पिछले दो साल में ट्विटर द्वारा निलंबित खातों की सूची सार्वजनिक करने की मांग की।
‘यूथ फॉर सोशल मीडिया डेमोक्रेसी’ के बैनर तले एकजुट हुए युवाओं ने साकेत मेट्रो स्टेशन से ट्विटर मुख्यालय तक पैदल मौन मार्च किया। उन्होंने ट्विटर पर एक खास राजनीतिक विचार की तरफ झुकाव रखने का आरोप लगाते हुए कहा कि ट्विटर इंडिया को गंभीरता से कुछ नीतिगत बदलावों की आवश्यकता है, अन्यथा यह भारतीय मीडिया की तरह अपनी विश्वसनीयता खो देगा।
इस मुहिम का समर्थन करते हुए भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) के दिल्ली प्रदेश प्रवक्ता तजिंदर पाल सिंह बग्गा भी इस मार्च में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि हर जोर-जुल्म की टक्कर में संघर्ष हमारा नारा है।
मार्च में शामिल लोगों ने कहा कि ट्विटर गैर-वामपंथी विचारधारा वाले और कांग्रेस विरोधी सदस्यों के हैंडल को निलंबित करके उनकी पहुंच को प्रतिबंधित करने की कोशिश कर रहा है। इतना ही नहीं उनके ट्रेंड्स को ट्रेंड लिस्ट तक से हटा दिया जाता है। जबकि भाजपा और हिन्दुत्व के खिलाफ अपमानजनक और भद्दे ट्वीट करने वालों की अनदेखी की जाती है।
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