New Delhi : भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तीन दिवसीय अमेरिका के दौरे पर हैं। अपने दौरे के पहले चरण में वे वॉशिंगटन में पांच अमेरिकी कंपनियों के सीईओ के साथ बैठक में हिस्सा लेंगेये कम्पनियां प्रौद्योगिकी, नवीकरणीय, सॉफ्टवेयर, ड्रोन और निवेश के क्षेत्र की बड़ी कंपनियों में शुमार हैं। मोदी इन सभी कंपनियों सीईओ से अलग-अलग मुलाकात करेंगे। अमेरिकी कंपनी क्वालकाम के सीईओ क्रिस्टानियो आर एमॉन, एडोब के शांतनु नारायण, फर्स्ट सोलर के मार्क विडमर, जनरल एटॉमिक्स के विवेक लाल, ब्लैकस्टोन के स्टीफन ए श्वार्जमैन मोदी से मुलाकात करेंगे। खास बात यह है कि इन पांच कंपनियों में से दो के सीईओ भारतवंशी हैं।
कंपनियों / नेटवर्थ :
अमेरिका में जिन पांच बड़ी कंपनियों के अधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बैठक करेंगे, उनकी कुल नेटवर्थ 555.41 अरब डॉलर (41.03 लाख करोड़ रुपये) से ज्यादा है। इनमें सबसे बड़ी कंपनी एडोबी है, जिसकी नेटवर्थ 305.51 अरब डॉलर (22 लाख 56 हजार करोड़ रुपये) है। इसके बाद नंबर आता है क्वालकॉम जिसकी नेटवर्थ 150.7 अरब डॉलर (करीब 11 लाख 11 हजार करोड़ रुपये) है। तीसरी बड़ी कंपनी ब्लैकस्टोन है, जिसकी नेटवर्थ 85.03 अरब डॉलर (करीब 6.28 लाख करोड़ रुपये) है। बाकी दोनों कंपनियों की नेटवर्थ 1 लाख करोड़ रुपए से कुछ कम है। हालांकि, ये दोनों कंपनियां भी अलग-अलग क्षेत्रों में अहमियत रखती हैं।
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जानें कंपनियों और उनके सीईओ के बारे में?
- एडोबी: शांतनु नारायण
एडोबी को पहले एडोबी सिस्टम्स के नाम से जाना जाता था। इसकी शुरुआत 1982 में हुई थी। इसका मुख्यालय अमेरिका के कैलिफोर्निया स्थित सैन होजे में है। एडोबी मुख्य तौर पर कंप्यूटर सॉफ्टवेयर कॉरपोरेशन है। यह कंपनी एडोबी इलस्ट्रेटर, एडोबी एक्रोबैट, एडोबी इनडिजाइन, एडोबी प्रीमियर और एडोबी फोटोशॉप जैसे दुनिया के कई बड़े और अहम सॉफ्टवेयर बना चुकी है।
अडोबी के सीईओ शान्तनु नारायण भारतीय मूल के हैं। दुनिया की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनियों में से एक अडोबी के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। अडोबी का मिशन डिजिटल अनुभवों के माध्यम से दुनिया को बदलना है। छात्रों से लेकर व्यावसायिक दुनिया के सबसे बड़े उद्यमों तक एक बड़े ग्राहक आधार को सेवाएं देता है।
मोदी के साथ बैठक क्यों अहम?
प्रधानमंत्री सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में भारत की कई कंपनियों और स्टार्टअप्स को वैश्विक स्तर पर ले जाने की चर्चा करते रहे हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री एडोबी के साथ निवेश से लेकर नई तकनीक के प्रसार पर चर्चा कर सकते हैं।
- जनरल एटॉमिक्स ग्लोबल कॉरपोरेशन: विवेक लाल
जनरल एटॉमिक्स ऊर्जा और रक्षा क्षेत्र में अमेरिका की बड़ी रिसर्च कंपनी है। कंपनी ने जिन अहम हथियारों पर काम किया है, उन्में प्रिडेटर ड्रोन्स के साथ एयरबोर्न सेंसर शामिल हैं। इसका मुख्यालय कैलिफोर्निया के सैन डिएगो में स्थित है। यह कंपनी परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में कई अहम रिसर्च में शामिल रही है। इसके अलावा रक्षा क्षेत्र में यह कंपनी सर्विलांस एयरक्राफ्ट से लेकर वायरलेस और लेजर तकनीक के रिसर्च और उत्पादन में शामिल है।
इसके बाद मोदी जनरल एटॉमिक्स के सीईओ विवेक लाल से मुलाकात करेंगे। लाल दुनिया के एक जाने-माने साइंटिस्ट हैं। जनरल एटॉमिक्स रिसर्च और डेवलपमेंट आधारित अमेरिकी एनर्जी और डिफेंस फर्म है। विवेक लाल ने अमेरिकी एयरोनॉटिक्स कंपनी लॉकहीड मार्टिन के साथ भी लंबा अनुभव हासिल किया। भारत में उन्होंने बोइंग के डिफेंस एंड स्पेस ऑपरेशंस की जिम्मेदारी संभाली। लाल ने रिलायंस इंडस्ट्रीज में भी काम किया। उन्हें नासा के एम्स रिसर्च सेंटर में फेलोशिप भी मिली थी। उन्होंने अपनी पीएचडी कैंसस की विचिटा स्टेट यूनिवर्सिटी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में हासिल की।
मोदी के साथ बैठक क्यों अहम?
ड्रोन तकनीक में भारत की बढ़ती दिलचस्पी को देखते हुए विवेक लाल के साथ पीएम मोदी की बैठक काफी अहम मानी जा रही है। दरअसल, भारत ने हाल ही में अमेरिका से ड्रोन तकनीक खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। ऐसे में जनरल एटॉमिक्स भारत के ड्रोन अधिग्रहण के मकसद में अहम साबित हो सकती है। मौजूदा समय में अमेरिका बेहद कम देशों से अपनी ड्रोन तकनीक शेयर करता है, लेकिन विवेक लाल भारत और अमेरिका के बीच 18 अरब डॉलर से ज्यादा के रक्षा समझौते कराने में अहम चेहरा साबित हुए हैं।
- क्वालकॉम: क्रिस्टियानो आर एमॉन
पीएम क्वालकॉम के सीईओ क्रिस्टियानो आर एमॉन से भी मुलाकात करेंगे। यह कंपनी मुख्य तौर पर इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज में लगने वाले सेमीकंडक्टर (चिप मेकिंग), सॉफ्टवेयर टेस्टिंग और वायरलेस तकनीक से जुड़ी सेवाओं में अग्रणी है। इस कंपनी की शुरुआत 1985 में हुई थी। इसका हेडक्वार्टर भी कैलिफोर्निया के सैन डिएगो में ही स्थित है।
क्रिस्टियानो एमॉन क्वालकॉम इनकॉर्पोरेटेड के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं और कंपनी के निदेशक मंडल में भी कार्य करते हैं। ये विश्व की 5जी तकनीक की बड़ी कंपनी है। वायरलेस चिप और सिस्टम सर्किट बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कम्पनियों में से एक है। वे क्वालकॉम से पहले ब्राजील के वायरलेस ऑपरेटर वेस्पर के चीफ टेक्निकल ऑफिसर और एरिक्सन में भी नेतृत्व के पदों पर रह चुके हैं।
मोदी के साथ बैठक अहम क्यों?
मौजूदा समय में क्लाकॉम के पास 5जी, 4जी से जुड़े कई अहम पेटेंट्स हैं। भारत में चीनी कंपनियों से इतर 5जी टेस्टिंग को सुरक्षित बनाने और सेमीकंडक्टर मार्केट, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और क्लाउड कंप्यूटिंग में निवेश बढ़ाने के लिए पीएम की क्वालकॉम सीईओ से मुलाकात अहम मानी जा रही है।
- फर्स्ट सोलर: मार्क विडमर
फर्स्ट सोलर कंपनी अमेरिका में सोलर पैनल्स बनाने का काम करती है। इस कंपनी के पास अमेरिका में फोटोवोल्टेयिक पावर प्लांट्स (सोलर प्लांट्स) बनाने के कई प्रोजेक्टस् हैं। इस कंपनी की शुरुआत 1990 में हुई थी और इसका मुख्यालय एरिजोना के टेंपा में स्थित है। 2011 में यह कंपनी फोर्ब्स की सबसे तेजी से बढ़ने वाली 25 कंपनियों की लिस्ट में पहले स्थान पर थी।
मार्क आर. विडमार, फर्स्ट सोलर के निदेशक, मुख्य कार्यकारी अधिकारी हैं। सोलर पावर के क्षेत्र में दुनिया की सबसे शक्तिशाली और सबसे विश्वसनीय कम्पनियों में से एक हैं। विडमर पहले लूसेंट टेक्नोलॉजी, एलाइड सिग्नल्स और ग्राफटेक इंटरनेशनल के लिए भी काम कर चुके हैं।
मोदी के साथ बैठक अहम क्यों?
मौजूदा समय में यह कंपनी अमेरिका और चीन के साथ भारत में भी पैर जमाने की कोशिश में है। भारत भी जलवायु परिवर्तन रोकने के अपने वादों के तहत नवीकरणीय ऊर्जा के इस्तेमाल को बढ़ाने पर ध्यान दे रहा है। ऐसे में मोदी की बैठक स्वच्छ ऊर्जा में कई नई योजनाओं को आगे बढ़ाने में अहम साबित हो सकती है। एरिजोना की यह कंपनी पहले ही भारत में तैयार अपनी नई फैसिलिटी में 5 हजार करोड़ रुपये के खर्च से 3.3 गीगावॉट क्षमता बढ़ाने का एलान कर चुकी है।
- ब्लैकस्टोन: स्टीफन श्वार्जमैन
ब्लैकस्टोन अमेरिका की वैकल्पिक निवेश प्रबंधन कंपनी है। इनमें रियल एस्टेट से लेकर कंपनी एसेट्स तक शामिल हैं। कंपनी के पास थॉमसन रॉयर्स से लेकर भारतीय आईटी सर्विस कंपनी एम्फेसिस में भी अहम निवेश हैं। इसका हेडक्वार्टर न्यूयॉर्क सिटी में है। इसकी शुरुआत 1985 में स्टीफन श्वार्जमैन ने की थी, जो कि फिलहाल कंपनी के सीईओ भी हैं। इस कंपनी ने अब तक कई क्षेत्रों में निवेश किए हैं।
अंत मे मोदी ब्लैकस्टोन के सीईओ स्टीफन ए श्वार्जमैन से मुलाकात करेंगे। यह न्यूयॉर्क आधारित अमेरिकी वैकल्पिक निवेश मैनेजमेंट कंपनी हैं
मोदी के साथ बैठक अहम क्यों?
डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति रहने के दौरान श्वार्जमैन ने कुछ समय के लिए अमेरिकी सरकार के कूटनीतिक फोरम की अध्यक्षता भी संभाली। वे ट्रंप के अलावा रिपब्लिक नेता और टेक्सास से सांसद टेड क्रूज के भी काफी करीबी हैं। मोदी की श्वार्जमैन के साथ बैठक को रिपब्लिक नेताओं के साथ करीबी बनाए रखने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा सकता है।
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