झामुमो और कांग्रेस के पास झारखंड के विकास का कोई रोडमैप नहीं

रांची : झारखंड विधानसभा चुनाव के चौथे चरण के मतदान से एक दिन पहले संथाल परगना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विशाल रैली रविवार को होने जा रही है. 12:30 बजे प्रधानमंत्री दुमका एयरपोर्ट मैदान में संथाल परगना के भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करेंगे. भाजपा इस बार ‘अबकी बार 65 पार’ के संकल्प के साथ चुनाव लड़ रही है. लगातार केंद्रीय मंत्री झारखंड आ रहे हैं और चुनाव प्रचार कर रहे हैं. झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्र में आदिवासी मामलों के मंत्री अर्जुन मुंडा दो दिन से संथाल परगना में कैंप कर रहे हैं.

ज्ञात हो कि तीन चरण का मतदान समाप्त हो चुका है. सोमवार (16 दिसंबर, 2019) को धनबाद, बोकारो, गिरीडीह की 13 विधानसभा सीटों के अलावा संथाल परगना के देवघर जिले की दो सीटों (देवघर (एससी) और मधुपुर) पर मतदान होना है. इसके बाद पांचवें और अंतिम चरण में 20 दिसंबर को संथाल परगना की 16 सीटों पर चुनाव होंगे. संथाल परगना को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) का गढ़ माना जाता है और भाजपा ने इस गढ़ को ध्वस्त करने का निश्चय कर रखा है. इसलिए आखिरी चरण के चुनाव में पार्टी ने संथाल फतह करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है.

अंतिम चरण में जिन 16 सीटों पर चुनाव हैं, उनमें से मात्र 5 सीटें ही भाजपा पिछली बार जीत पायी थी. वर्ष 2014 के चुनाव में सबसे ज्यादा 6 सीटें झामुमो ने जीती थीं, तो 3 सीट पर कांग्रेस और 2 सीट पर बाबूलाल मरांडी की पार्टी झारखंड विकास मोर्चा-प्रजातांत्रिक (जेवीएम-पी) जीती थी. उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री से पहले गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को गिरीडीह और देवघर में जनसभाओं को संबोधित किया था. उन्होंने कांग्रेस और झामुमो के गठबंधन को राजनीतिक अवसरवादिता का गठबंधन करार दिया था. कहा था कि इस गठबंधन का उद्देश्य किसी भी तरह सत्ता प्राप्त करना और प्रदेश को लूटना है.

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