-एक सप्ताह में नक्सली गतिविधियों सहित 10 से अधिक बड़ी घटनाएं
-जामताड़ा के मंदिर में प्रतिबंधित मांस के टुकड़े फेंके गए, पथराव भी हुआ
-रांची के ओरमांझी में आरएसएस प्रशिक्षण वर्ग में पेट्रोल बम से हमला
रांची। नक्सली गतिविधियों सहित अन्य घटनाओं में आयी तेजी राज्य की नई हेमंत सोरेन सरकार के लिए चुनौती बनती जा रही है। झारखंड में विपक्षी गठबंधन झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को विधानसभा चुनाव में 23 दिसंबर को पूर्ण बहुमत मिलने के पिछले एक सप्ताह में नक्सली घटनाओं में अचानक तेजी आ गई है। 30 दिसंबर की दोपहर खूंटी में पुलिस के साथ नक्सलियों की मुठभेड़ चल रही है। हालांकि अभीतक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। इसके पहले भी खूंटी में ही प्रतिबंधित संगठन भाकपा माओवादी ने सायको थाना क्षेत्र के एटकेडीह गांव में नवनिर्मित सामुदायिक भवन सह प्रशिक्षण केंद्र को बम विस्फोट कर उड़ा दिया था। अगर घटनाओं पर गौर करें तो विपक्षी गठबंधन को पूर्ण बहुमत आने के अगले दिन से पिछले एक सप्ताह के दौरान 10 से अधिक बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं। इससे अमन-चैन से रह रहे लोगों में भय का माहौल बनता जा रहा है। लगातार हो रही घटनाओं से राज्य में कानून-व्यवस्था की समस्या खड़ी होती नजर आ रही है। अगर समय रहते सरकार इसपर संज्ञान लेकर कड़ी कार्रवाई नहीं करती है तो यह फिर से विकराल रूप धारण कर लेगा। सवाल यह उठता है कि पिछले एक सप्ताह में ऐसा क्या हो गया कि अचानक असामाजिक तत्वों ने तांडव दिखाना शुरू कर दिया है।
29 दिसंबरः मंदिर में प्रतिबंधित मांस फेंका, पथराव भी हुआ
एकदिन पहले 29 दिसंबर को संथाल परगना के जामताड़ा के नारायणपुर थाना अंतर्गत करमदाहा के दुखिया बाबा मंदिर में समाज विरोधी लोगों ने प्रतिबंधित पशु के मांस फेंक दिए। इसमें पत्थरबाजी भी हुई। इससे वहां तनाव फैल गया। घटना के विरोध में आहत लोगों ने 8 घंटे तक गोविंदपुर-साहेबगंज मुख्य मार्ग को जाम कर दिया।
28 दिसंबर की रात खूंटी जिले के ही अड़की थाना क्षेत्र के सेल्दा गांव में भाकपा माओवादी ने 45 लाख की लागत से निर्माणाधीन स्वास्थ्य उपकेंद्र को डायनामाइट से उड़ा दिया। इसके बाद नक्सलियों ने पूरे गांव में पर्चा चिपकाकर स्कूलों से पुलिस कैंप को हटाने की मांग की है।
28 दिसंबर की रात को ही टीपीसी के दस्ते ने पलामू जिले के मोहम्मदगंज के कादल गांव के बालेश्वर यादव की खोज में उसके घर हमला किया। अचानक पहुंचे दस्ते के सदस्य घर का दरवाजा तोड़ने लगे। बालेश्वर ने अपने घर की छत से पड़ोस के घर में छुपकर जान बचाई। छत से कूदने के क्रम में उसके दोनों पैर टूट गये।
27 दिसंबरः आरएसएस के प्राथमिक शिक्षा वर्ग में पेट्रोल बम से हमला
तीन दिन पहले 27 दिसंबर को राजधानी रांची से सटे ओरमांझी के सिकिदरी के सांडी गांव स्थित मोतीराज देवी बीएड कॉलेज में 23 से 31 दिसंबर तक चल रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्राथमिक शिक्षा वर्ग में पेट्रोल बम से हमला किया गया। बैनर को जलाने का प्रयास किया गया।
27 दिसंबर की रात पलामू के लेस्लीगंज थाना से सटे हाईस्कूल के समीप टीपीसी के उग्रवादियों ने जमकर उत्पात मचाया और एक हाइवा में आग लगा दी। उग्रवादियों ने मौके पर कई राउंड फायरिंग भी की थी।
27 दिसंबर की शाम को ही लेवी के लिए चतरा जिले के टंडवा थाना क्षेत्र के शिवपुर साइडिंग पर अंबे माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के डोज़र ऑपरेटर और सुपरवाइजर को नक्सलियों ने गोली मार दी। दोनों गंभीर रूप से घायल हैं।
25 दिसंबर की सुबह करीब 9 बजे लोहरदगा जिले के बगडू थाना क्षेत्र के केकरांग झरना के समीप ही जिला पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त सर्च अभियान के दौरान आईईडी ब्लास्ट से सीआरपीएफ की 158 बटालियन के जवान अभिजीत उरांव (31) गंभीर रूप से घायल हो गये। इलाज के लिए उन्हें हेलिकॉप्टर से गंभीर स्थिति में रांची लाया गया।
25 दिसंबर को हजारीबाग जिले के केरेडारी थाना अंतर्गत नीरी जंगल में पुलिस और उग्रवादियों के बीच मुठभेड़ हो गई। लगभग आधे घंटे तक चली मुठभेड़ में दोनों तरफ से 50 राउंड से अधिक गोलियां चलीं। उग्रवादी अंधेरे का लाभ उठाकर पुलिस को भारी पड़ता देख फरार हो गये।
24 दिसंबर को लोहरदगा जिले के सुदूरवर्ती बगड़ू थाना क्षेत्र के केकरांग झरना के समीप मंगलवार सुबह करीब 9 बजे आईईडी विस्फोट में 16 वर्षीय लड़की की मौत हो गयी और कई लोग घायल हो गये।
इसके अलावा 10 दिनों के अंदर अंतिम चरण के चुनाव के दिन 20 दिसंबर को पलामू में पुल निर्माण कार्य में लगे मुंशी और मजदूर को लेवी के लिए पीटा था। पलामू में ही उग्रवादियों ने करमाचेराई में क्रशर संचालक और जेसीबी के ड्राइवर को पीटा था।
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