झारखंडः सामान्य से 43 प्रतिशत कम बारिश

  • पाकुड़, गोड्डा और गढ़वा में 71-85% कम बारिश

रांची। झारखंड में कमजोर शुरुआत के साथ मानसून ने प्रवेश किया। इसकी रफ्तार अभी भी कमजोर बनी हुई है। इसका असर पूरे राज्य में देखने को मिल रहा है।  मानसून के दौरान 1 जून से 4 जुलाई तक सामान्य से 43 प्रतिशत कम बारिश रिकॉर्ड की गयी है। सबसे खराब स्थिति पाकुड़, गोड्डा और गढ़वा जिले की है, जहां 71 से 85 प्रतिशत कम बारिश हुई है। रांची स्थित भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार गोड्डा जिले में मानसून के दौरान अबतक 85 प्रतिशत से कम बारिश हुई है, वहीं पाकुड़ में 84 प्रतिशत कम और गढ़वा में सामान्य से 71 प्रतिशत कम बारिश हुई है। मानसून के दौरान सबसे खास बात यह है कि राज्य के साहेबगंज जिले को छोड़कर अन्य सभी 23 जिलों में सामान्य से कम बारिश हुई है। बोकारो जिले में सामान्य से 50 प्रतिशत कम, चतरा में 67 प्रतिशत, देवघर में 56, धनबाद में 52, दुमका में 36, पूर्वी सिंहभूम में 15, गिरिडीह में 48, गुमला में 38, हजारीबाग में 54, जामताड़ा में 55, खूंटी में 59, कोडरमा में 52, लातेहार में 38, लोहरदगा में 15, पलामू जिले में 40, रामगढ़ में 56, रांची में 42, सरायके-खरसावां में 25, सिमडेगा में 19 और पश्चिमी सिंहभूम जिले में सामान्य से 35 प्रतिशत कम बारिश हुई है। मौसम विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार 1 जून से 4 जुलाई तक सिर्फ 135.1 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि इस दौरान सामान्य रूप से 236.6 मिलीमीटर बारिश होती है। इस तरह से पूरे राज्य में 43 प्रतिशत कम बारिश अबतक रिकॉर्ड की गयी है। हालांकि मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि जुलाई में मानसून की अच्छी बारिश होने पर इसकी भरपाई हो सकती है। बताया गया है कि 10 से 25 प्रतिशत कम बारिश होने पर स्थिति को सामान्य माना जाता है।

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