जोधपुर। भारत और फ्रांस की सेना के बीच संयुक्त युद्धाभ्यास शक्ति परीक्षण 31 अक्टूबर को महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में शुरू होगा। चौदह दिन चलने वाले इस अभ्यास के लिए फ्रांसीसी सेना की टुकड़ी महाजन पहुंच गई है जिसमे 38 सैनिक है। महाजन फील्ड फायरिंग रेंज में इंडो-फ्रेंच युद्धाभ्यास शक्ति-2019 आगामी 13 नवंबर तक आयोजित होगा।
द्विपक्षीय अभ्यास श्रृंखला का पांचवा संस्करण:
उल्लेखनीय है कि युद्धाभ्यास शक्ति-2019 के बैनर के तहत द्विपक्षीय अभ्यास की श्रृंखला में पांचवा संस्करण है। संयुक्त युद्धाभ्यास संयुक्त राष्ट्र जनादेश के तहत अर्ध-रेगिस्तानी इलाके की पृष्ठभूमि में काउंटर टेररिज्म पर केंद्रित होगा। संयुक्त प्रशिक्षण में उच्च स्तर की शारीरिक क्षमता, सामरिक अभ्यास, तकनीक और प्रक्रिया पर ध्यान दिया जाएगा। अभ्यास के दौरान, संयुक्त योजना, कॉर्डन एंड सर्च ऑपरेशन्स, सर्च एंड रेस्क्यू , संयुक्त सामरिक अभ्यास और विशेष हथियार कौशल का प्रशिक्षण किया जायेगा। शक्ति युद्धाभ्यास की शुरुआत वर्ष 2011 में की गई थी। दोनों देश की सेना दो-दो साल के अंतराल पर संयुक्त युद्धाभ्यास कर रही है। इसमें एक बार भारत में तथा अगली बार फ्रांस में अभ्यास हो रहा है।
सप्त शक्ति कमान सिख रेजिमेंट के हाथ :
सैन्य प्रवक्ता कर्नल सोम्बित घोष के अनुसार भारतीय सेना का प्रतिनिधित्व सप्त शक्ति कमान की सिख रेजिमेंट की टुकड़ी करेगी। फ्रांसीसी सेना का प्रतिनिधित्व फ्रांस के 6वें बख्तरबंद ब्रिगेड की 21वीं समुद्री इन्फेंट्री रेजिमेंट के सैनिक करेंगे। फ्रांस-भारत का संयुक्त युद्धाभ्यास संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्देश पर रेगिस्तानी इलाके में काउंटर टेररिज्म ऑपरेशन पर केंद्रित रखा गया है। दोनों देश के सैनिक उच्च स्तर की शारीरिक क्षमता, सामरिक स्तर पर अभ्यास को सांझा करने और एक-दूसरे के युद्ध कौशल को सीखने के लिए अभ्यास करते है। दोनों सेनाओं के बीच समझ, सहयोग और अन्तरसंक्रियता को बढ़ाना उद्देश्य है। युद्धाभ्यास का समापन 36 घंटे लम्बी एक्सरसाइज के साथ 13 नवम्बर को होगा जिसमें एक गांव में छिपे आतंकवादियों को ढूंढकर मार गिराने का प्रदर्शन किया जाएगा।
This post has already been read 13008 times!