नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश की वन संपदा की रक्षा और हरित क्षेत्र का दायरा बढ़ाने के लिए वन प्रबंधन में स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने का आह्वान किया है। भारतीय वन सेवा(2018-20 बैच) के प्रोबेशनरों के एक समूह ने मंगलवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रोबेशनरों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत के संयुक्त वन प्रबंधन मॉडल ने वनों के प्रबंधन में स्थानीय लोगों और समुदायों के साथ काम करने की परिकल्पना की है। स्थानीय लोगों की प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए संरक्षण प्रयासों के साथ आजीविका के अवसरों को जोड़ना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि एक बार जब लोग और समुदाय वन प्रबंधन के प्रयासों में शामिल हो जाते हैं तो वन अधिकारी जो समाधान चाहते हैं वह अधिक टिकाऊ और प्रभावी हो जाएगा।
कोविंद ने कहा कि भारत सरकार और राज्य सरकारें हमारे देश की वन संपदा की रक्षा और हरित क्षेत्र को बढ़ाने के लिए काफी प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश के जंगलों और उसके आसपास आदिवासियों सहित बड़ी संख्या में गरीब लोग रहते हैं। वह जंगलों के माध्यम से ही अपने भोजन और चारे की बुनियादी जरूरतों को पूरा करते हैं। ये लोग सरल, परिश्रमी और बहुत बुद्धिमान होते हैं। वे अपनी परंपराओं और मान्यताओं के तहत जंगलों का सम्मान करते हैं। वनों की रक्षा के लिए कोई भी उपाय इन लोगों की बुनियादी जरूरतों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए और उन्हें भागीदार के रूप में शामिल करना चाहिए।
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