कर्नाटक : जल्द शक्ति परीक्षण की याचिका पर सुनवाई टली

नई दिल्ली। कर्नाटक में जल्द शक्ति परीक्षण की मांग पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कल(बुधवार) के लिए टल गई है। स्पीकर की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बताया कि आज ही बहुमत परीक्षण हो सकता है। कुमार स्वामी सरकार से समर्थन वापस लेने वाले दो विधायकों ने अर्जी में कहा है कि सरकार फ्लोर टेस्ट को टालने में लगी है।

कुमारस्वामी सरकार से समर्थन वापस लेने वाले दो विधायकों आर. शंकर और एच. नागेश ने याचिका दायर की है। याचिका में फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की गई है।

पिछले 19 जुलाई को कर्नाटक कांग्रेस के अध्यक्ष दिनेश गुंडु राव और कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर 17 जुलाई के आदेश को स्पष्ट करने की मांग की। कुमारस्वामी ने कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई बाला की ओर से विश्वास मत की डेडलाइन तय करने के खिलाफ भी याचिका दायर की है। कुमारस्वामी ने कहा है कि विश्वास मत पर बहस के बीच में राज्यपाल ऐसा आदेश जारी नहीं कर सकते हैं।

गुंडु राव ने अपनी याचिका में कहा कि 15 बागी विधायकों को विधानसभा में मौजूद रहने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है संबंधी सुप्रीम कोर्ट का आदेश संविधान की 10 वीं अनुसूची में दिए गए दल बदल कानून का उल्लंघन है।

गुंडु राव ने सुप्रीम कोर्ट के 17 जुलाई के आदेश को स्पष्ट करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश से उनकी पार्टी के अपने विधायकों के लिए व्हिप जारी करने के संवैधानिक अधिकार का उल्लघंन है।

पिछले 17 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कर्नाटक के बागी विधायकों को विश्वास मत प्रस्ताव में भाग नहीं लेने की स्वतंत्रता है। उन्हें विश्वास मत प्रस्ताव में भाग लेने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने कहा था कि स्पीकर जब चाहें तब विधायकों के इस्तीफे पर फैसला ले सकते हैं। हम स्पीकर को फैसला लेने के लिए दिशानिर्देश नहीं दे सकते हैं। जब वे फैसला ले लेंगे तो उसे कोर्ट के समक्ष रखा जाएगा।

उल्लेखनीय है कि पिछले 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक में विधायकों के इस्तीफे के मामले में फिलहाल यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था।

This post has already been read 8349 times!

Sharing this

Related posts