क्या आपने देखा ! ‘एक करोड़ 25 लाख’ का बकरा…

Kanpur : यह कहावत ‘आस्था की कोई कीमत नहीं होती है’ इसका उदाहरण कानपुर देहात जनपद के छोटे से गांव में पैदा हुआ बट्टू के लिए लगाई गई रकम है। दरअसल ‘बट्टू’ एक बकरे का नाम है जो जनपद के डेरापुर तहसील क्षेत्र के रतनियापुर गांव में रहने वाले शिव कुमार तिवारी के घर पैदा हुआ था। बट्टू के पैदा होने पर शिव कुमार तिवारी को यह पता नहीं था कि जिसे वह साधारण जानवर समझ रहे हैं, वह एक दिन उनको करोड़ों रुपये तक दिला सकता है।

ये भी पढ़ें : क्या नया राज्य बनेगा पूर्वांचल? यूपी चुनाव से पहले बंट जायेगा उत्तर प्रदेश

कानपुर देहात जनपद के मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर डेरापुर तहसील क्षेत्र में एक बकरे की कीमत विदेशी लोगों ने एक करोड़ तक लगा दी है। यह सौदा 25 लाख की कीमत के चलते रुका हुआ है। बकरे के मालिक ने लॉकडाउन के कारण इस सौदे में देरी की बात कही है। बकरे की यह कीमत बकरे की नहीं, बल्कि आस्था की लगाई जा रही है।

क्या आपने देखा ! ‘एक करोड़ 25 लाख’ का बकरा…

बट्टू के पैदा होने के 14 दिन बाद रतनियापुर में एक फकीर आया। जब उसने बकरे को देखा तो शिव कुमार से बोला तुम बहुत नसीब वाले हो। यह सुनकर शिवकुमार सोच में पड़ गए कि बकरे में ऐसा क्या देख लिया फकीर ने। जब यह बात फकीर से पूछी तो उसने बताया कि बकरे के पेट में दोनों ओर “अल्लाह” लिखा हुआ है। शिव कुमार ने इस बात को सुनकर बकरे का नाम बट्टू रख दिया और यह बात धीरे-धीरे जनपद से दुबई तक पहुंच गई। फिर क्या गांव में दलालों का आना शुरू हो गया और बकरे की नहीं, बल्कि आस्था की कीमत लगने लगी।

ये भी पढ़ें : अभिनेत्री वरीना हुसैन ने सोशल मीडिया को कहा अलविदा

इस कीमत की रकम सुनकर विश्वास होना थोड़ा मुश्किल था, पर जब शिव कुमार ने खुद बताया कि उनके बट्टू की कीमत एक करोड़ रुपये लग चुकी है। बताया कि बकरे की कीमत एक करोड़ 25 लाख लगाई थी। तब-तक लॉकडाउन लग गया, नहीं तो अब तक बकरे को कोई न कोई खरीद लेता। फिलहाल अभी तक देश ही नहीं, विदेश से पांच से छह व्यापारी आ चके हैं। बहुत जल्द ही बकरे की बिक्री हो जाएगी।

शिव कुमार का पूरा परिवार बकरे की आव भगत में लगा हुआ है। उसकी इस तरह सेवा की जा रही है, जैसे घर में मेहमान आया हो। बकरे को भुने हुए चने, गेहूं और सभी पौष्टिक आहार दिया जा रहा है, जिससे बकरे को देखने वाला व्यक्ति और उसकी ओर आकर्षित हो जाये।

फिलहाल अभी बकरे की सुरक्षा ऐसे की जा रही है, जैसे घर में रखे सोने व जेवरात की होती हो। शिव कुमार को डर है कि कहीं उनके बकरे को कोई चोरी न कर ले। इसके लिए कोई न कोई एक व्यक्ति हमेशा उसके साथ रहता है।

This post has already been read 14514 times!

Sharing this

Related posts