नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे विदेशी सिखों की सूची से 312 लोगों के नाम हटा दिए हैं और इस सूची में अब केवल दो लोगों के नाम शेष हैं। गृह मंत्रालय ने विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों से प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर विदेशी सिख नागरिकों के नामों वाली सूची की समीक्षा के बाद यह निर्णय लिया है। मंत्रालय से जुड़े सूत्रों की मानें तो सरकार ने विदेशी सिख नागरिकों की सूची और विदेश में विभिन्न भारतीय मिशनों द्वारा प्रबंधन किए जाने के काम को भी बंद कर दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, जिन लोगों के नाम सूची से हटा दिए गए हैं वह अब भारत में अपने परिवार के लोगों से मिलने आ सकते हैं। मंत्रालय की ओर से इस तरह की समीक्षा नियमित रूप से चलने वाली प्रक्रिया का हिस्सा है। इस प्रकार की समीक्षा के बाद विदेशी सिख नागरिकों को भारत आने का मौका मिलता है। अधिकारी ने बताया कि समीक्षा नियमित रूप से सतत चलने वाली प्रक्रिया है। ऐसी समीक्षा इस तरह के विदेशी सिख नागरिकों को भारत आने का एक अवसर प्रदान करेगी। दरअसल 1980 में भारत के कई सिख नागरिक और सिख समुदाय से ताल्लुक रखने वाले कई विदेशी नागरिक भारत विरोधी दुष्प्रचार में कथित तौर पर शामिल थे। इसके अलावा कुछ सिख नागरिक यहां सजा से बचने के लिए विदेश चले गए और वहां की नागरिकता हासिल कर ली है। एक अधिकारी ने बताया कि ऐसे लोगों को 2016 तक काली सूची में रखा गया था, जिसके बाद वह भारतीय वीजा हासिल करने की पात्रता खो बैठे।
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