गैगेस्टर जेलों से चला रहे हैं अपराध का साम्राज्य, अब भेजे जाएंगे दूसरे राज्य…

रांची: वाट्सएप व इंटरनेट काल से व्यवसायियों की नाक में दम करने वाले राज्य की जेलों में बंद शातिर अपराधियों को राज्य से बाहर शिफ्ट करने की तैयारी है। पुलिस मुख्यालय की अनुशंसा पर मुख्यमंत्री की सहमति के बाद इसका प्रस्ताव तैयार किया गया है। इन्हें वैसे हाई सिक्यूरिटी जेलों में स्थानांतरित किया जाएगा, जहां से काल करना उनके लिए नामुमकिन होगा। वहीं, राज्य की जेलों की सुरक्षा भी कड़ी होगी। जैमर को इस लायक अपग्रेड किया जाएगा कि वाट्सएप व इंटरनेट कालिंग संभव नहीं होगा।

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पुलिस मुख्यालय ने राज्य सरकार को जानकारी दी थी कि विभिन्न जिलों में संचालित कोल परियोजनाओं व अन्य विकास परियोजनाओं में संलग्न ठेकेदारों, ट्रांसपोर्टरों, आउटसोर्सिंग कंपनियों के पदाधिकारियों, कर्मियों को फोन के माध्यम से रंगदारी व भयादोहन के मामले सामने आए हैं। इनमें ज्यादातर जेल में बंद अपराधियों व उनके गुर्गों की संलिप्तता की बात सामने आई है।

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कई गिरोह जैसे सुजीत सिन्हा, अमन साव, अमन श्रीवास्तव गिरोह के सदस्य ज्यादातर मामलों में थ्री-जी, फोर-जी नेटवर्क का इस्तेमाल कर अलग-अलग एप, वाट्सएप, टेलीग्राम का उपयोग कर इंटरनेट कालिंग, स्पूफ कालिंग, फोन कालिंग का इस्तेमाल कर भयादोहन कर रहे हैं। इसमें से कई सारे काल गिरोह के ऐसे सदस्यों ने किया है जो जेल में बंद हैं।

राज्य की जेलों में बंद ये कुख्यात किए जाएंगे झारखंड से बाहर
रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार, केंद्रीय कारा घाघीडीह जमशेदपुर, मंडल कारा धनबाद, जय प्रकाश नारायण केंद्रीय कारा हजारीबाग, मंडल कारा लातेहार व केंद्रीय कारा दुमका में बंद सुजीत सिन्हा, अमन साव, अमन श्रीवास्तव, फहीम खान, अखिलेश सिंह, अमन सिंह और उनके गिरोह के अपराधी।

4.5 लाख रुपये प्रति जैमर की है कीमत

मोबाइल नेटवर्क को जाम करने के लिए प्रत्येक कारा में कम से कम चार मोबाइल जैमर लगाया जाना है। प्रत्येक जैमर की कीमत 4.5 लाख रुपये बताई गई है। राज्य की छह जेलों रांची, जमशेदपुर, धनबाद, हजारीबाग, लातेहार व दुमका में जैमर लगाया जाना है। राज्य सरकार को प्रस्ताव दिया गया है कि इन सभी छह जेलों के लिए 24 जैमर की जरूरत होगी। इन सभी 24 जैमर पर कुल एक करोड़ आठ लाख रुपये खर्च आएंगे। इसे दुरुस्त करने के लिए राज्य सरकार की सहमति मिल गई है।

ऐसे दी गई है धमकी :
लातेहार के अंबाकोठी निवासी विकास तिवारी के मोबाइल पर अलग-अलग नंबरों से वाट््सएप काल पर धमकी दी गई। नंबर की जांच से पता चला कि उस नंबर से रांची के बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में बंद बलराम साहू उर्फ डेविड व प्रफुल कुमार महतो उर्फ भक्ति ने 27 बार बात की है। दोनों ही अपराधी बुंडू के बहुचर्चित विधायक रमेश सिंह मुंडा हत्याकांड में जेल में बंद हैं।

इसी क्रम में कुछ और मोबाइल नंबर मिले, जिससे स्पष्ट हुआ कि होटवार जेल से इन दोनों अपराधियों के अलावा अमन साहू, सुजीत सिन्हा भी जेल से बात कर रहे हैं। इसके अलावा लातेहार के तेतरिया खाड़ कोल परियोजना में गोलीबारी की घटना, चतरा जिले के टंडवा के कोल परियोजना के ट्रांसपोर्टिंग कंपनी के कर्मचारियों पर गोलीबारी में भी जेल में बंद अपराधियों की भूमिका महत्वपूर्ण रही है।

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