पुलिस की सक्रियता से परेशान हैं नक्सली?
रांची। नक्सल प्रभावित राज्यों में पुलिस की चीकचौबंद सक्रियता से नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने 23 से 25 नवंबर तक चार राज्यों झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बंद बुलाया है। चार दिनों के अंतराल में नक्सलियों की ओर से दूसरी बार बंद बुलाया गया है। इसके पहले 20 नवंबर को बुलाए गए बंद के दौरान झारखंड में नक्सलियों ने लातेहार और चक्रधरपुर में रेल की पटरियां उड़ा दी थीं।
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सुरक्षा बलों की चौकसी और सतर्कता की बदौलत नक्सलियों के इस बंद के दौरान आम तौर पर विधि व्यवस्था कायम रही। अब दूसरी बार चार राज्यों में बुलाए गए बंद को लेकर पुलिस और सुरक्षा बलों को एक बार फिर अलर्ट कर दिया गया है। खबर है कि खुफिया एजेंसियों ने झारखंड-बिहार की पुलिस को नक्सलियों द्वारा किसी बड़ी घटना की साजिश की आशंका पर अलग-अलग रिपोर्टें दी हैं।
भाकपा माओवादी के शीर्ष नेता प्रशांत बोस और उनकी पत्नी शीला मरांडी की गिरफ्तारी और गढ़चिरौली में नक्सलियों के खिलाफ पिछले दिन हुई बड़ी कार्रवाई के बाद से नक्सली संगठन में जबर्दस्त बौखलाहट है। रविवार को झारखंड की राजधानी रांची से लगभग 50 किलोमीटर दूर अड़की प्रखंड के कोचांग पुलिस पिकेट पर नक्सलियों के एक दस्ते ने हमले की कोशिश की। उन्होंने पिकेट को लक्ष्य बनाकर कई राउंड फायरिंग की, जिसका पुलिस ने भी जोरदार जवाब दिया। दोनों ओर से लगभग 100 राउंड फायरिंग हुई।
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सूचना मिलते ही अतिरिक्त पुलिस बल को मौके पर भेजा गया। पुलिस को भारी पड़ते देख नक्सली भाग खड़े हुए। 23 से 25 नवंबर तक नक्सलियों द्वारा बुलाए गए बंद को लेकर झारखंड-बिहार की पुलिस ने सभी हाईवे पर लांग रेंज पेट्रोलिंग शुरू की है। संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त बलों की भी तैनाती की गई है। छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल की पुलिस को भी अलर्ट किया गया है।
एक तरफ पुलिस और अर्धसैनिक बल नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चला रहे हैं, तो दूसरी तरफ नक्सली अपने संगठन की मजबूत मौजूदगी का अहसास कराने की रणनीति में जुटे हैं। भाकपा माओवादी के प्रवक्ता संकेत द्वारा जारी विज्ञप्ति में पुलिस-प्रशासन की एजेंसियों की कार्रवाई पर विरोध जाहिर किया गया है। नक्सलियों की विज्ञप्ति में किसान आंदोलन के दौरान 600 से भी ज्यादा लोगों की मौत की भी भर्त्सना की गयी है।
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