नई दिल्ली। संसद के दोनों सदनो में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर मचे बवाल के बीच राज्यसभा में बुधवार को पांच सदस्यों के कार्यकाल का अंतिम दिन था। सदन में पांचों सदस्यों को विदाई दी गई। इस दौरान ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (एआईएडीएमके) सांसद वासुदेवन मैत्रेयन विदाई भाषण देते हुए भावुक हो गए और रो पड़े। उन्होंने सदन से अपील की कि उनका निधन होने पर सदन में शोक न जताया जाए।
राज्यसभा में बुधवार को पांच सांसदों के कार्यकाल का आखिरी दिन था। इनमें डी राजा, वासुदेवन मैत्रेयन, के.आर. अर्जुन, टी रत्नवेल और आर लक्ष्मण शामिल हैं।
मैत्रेयन अपना विदाई भाषण देने के लिए सीट से खड़े हुए तो उन्होंने सदन में अपने कार्यकाल की तमाम बातें साझा की। उन्होंने कहा कि वर्ष 2009 में जब श्रीलंका में कई तमिलों की मौत हुई थी तो राज्यसभा में शोक नहीं जताया गया। इससे उन्हें तकलीफ हुई थी। उन्होंने कहा कि वह सदन से अपील करते हैं कि उनके मरने पर भी कभी सदन में कोई शोक प्रस्ताव नहीं लाया जाए।
संबोधन के दौरान उन्होंने पूर्व वित्तमंत्री अरुण जेटली को याद किया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, सदन में विपक्ष के नेता गुलाम मबी आजाद का आभार जताया। उन्होंने सभी दलों के नेताओं और सचिवालय के कर्मचारियों का भी धन्यवाद किया। इसके साथ ही उन्होंने तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री स्व. जे. जयललिता को भी विशेष तौर पर याद किया।
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