नई दिल्ली। एस्सार स्टील इन्सॉल्वेंसी केस में नया मोड़ आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने आर्सेलर मित्तल को 42,000 करोड़ रुपये के पेमेंट से रोकते हुए यथास्थित बनाए रखने का आदेश दिया है। सर्वोच्च अदालत ने ट्राइब्यूनल को जल्दी से इस केस से जुड़ी याचिकाओं पर फैसला लेने को कहा है। एस्सार स्टील के लिए आर्सेलर मित्तल की बोली को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) की मंजूरी मिलने से कर्जदाताओं को बड़ी राहत मिली थी। एनसीएलएटी ने आर्सेलर मित्तल को 42 हजार करोड़ रुपये की बोली को मंजूरी दी तो लगा था कि 2 साल तक चला यह केस पड़ाव पर पहुंच गया है। एनसीएलएटी ने कहा था कि वह वह दुनिया की दिग्गज इस्पात कंपनी आर्सेलर मित्तल को 23 अप्रैल को अगली सुनवाई के दौरान एस्सार स्टील के अधिग्रहण के लिए 42,000 करोड़ रुपये की बोली राशि को एक अलग खाते में जमा करने का निर्देश दे सकता है। पीठ ने आर्सेलर मित्तल से एक हलफनामा भी देने को कहा था जिसमें कर्ज में डूबी एस्सार स्टील की समाधान योजना के क्रियान्वयन को लेकर क्या कदम उठाये जाएंगे इस बारे में पूरा ब्योरा दिया होगा।
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