- मुंबई और दिल्ली में एकसाथ छापामारी
- लगभग 18 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और ठगी का मामला
मुंबई। दिवालिया हो चुकी उड़ान सेवा प्रदाता कंपनी जेट एयरवेज के संस्थापक सदस्य नरेश गोयल के घर और दफ्तर पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से छापा मारा गया । ईडी ने फेमा एक्ट के तहत 18,000 करोड़ रुपये के फ्रॉड के मामले में यह कार्रवाई की है। ईडी की टीम मुंबई और दिल्ली में एकसाथ छापा मार रही हैं। जेट एयरवेज ने नकदी संकट के कारण 17 अप्रैल से ही अपना परिचालन बंद कर दिया है। वित्तीय संकटों में घिरी विमानन कंपनी जेट एयरवेज की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) लगभग 18 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और ठगी मामले में प्रवर्तन निदेशालय और सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन विभाग जांच कर रहा है। हालांकि कार्रवाई से बचने के लिए गुरुवार को नरेश गोयल ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। नरेश गोयल के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी है। गोयल ने अदालत से विदेश जाने की इजाजत मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने कहा था कि उन्हें पहले 18 हजार करोड़ रुपये की गारंटी देनी होगी। बता दें कि जेट एयरवेज में वित्तीय अनियमितताएं पाने जाने की वजह से कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री ने नरेश गोयल के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया था। मंत्रालय ने एसएफआईओ को भी जांच के आदेश दिए थे। इसके अलावा जेट एयरवेज इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के तहत रिज़ॉल्यूशन प्रक्रिया से भी गुजर रहा है। न्यायमूर्ति एस. जे. मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली एनसीएलएटी की तीन सदस्यीय पीठ ने जेट एयरवेज की लेनदारों की समिति यानी कमिटी ऑफ क्रेडिटर्स (सीओसी) से इस संबंध में एक सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने को कहा है। देश की सबसे बड़ी निजी एयरलाइन जेट एयरवेज दिवालिया प्रक्रिया से गुजर रही है। आर्थिक संकट की वजह से अप्रैल में ही इसने अपना संचालन बंद कर दिया था। लोन रीस्ट्रक्चरिंग प्लान के तहत नरेश गोयल और अनीता गोयल को मार्च में जेट के बोर्ड से इस्तीफा देना पड़ा था। नरेश गोयल ने चेयरमैन का पद भी छोड़ दिया था।
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