नई दिल्ली । लोकसभा में बुधवार को प्रश्नकाल के दौरान पिछले कुछ वर्षों में संभवत: सर्वाधिक 20 प्रश्न पूछे गये और मंत्रियों ने उनके उत्तर दिये। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस पर सदस्यों और मंत्रियों को बधाई दी। सदन में प्रश्नकाल के दौरान मौखिक प्रश्नों की सूची में अंकित सभी 20 प्रश्न पूछे गये और पूरक प्रश्नों के उत्तर भी दिये गये। इनमें जिन प्रश्नों के मूल प्रश्नकर्ता सदन में उपस्थित नहीं थे उनके उत्तर संबंधित मंत्रियों ने सदन के पटल पर रखे।लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पद संभालने के बाद से ही सदस्यों को अधिक से अधिक प्रश्न पूछने और मंत्रियों से संक्षिप्त उत्तर देने पर जोर देते रहे हैं। सामान्यत: प्रश्नकाल समाप्त होने तक पांच से दस प्रश्नों के उत्तर ही हो पाते हैं।
बुधवार सुबह 11 बजे शुरू हुआ प्रश्नकाल 12 बजे समाप्त होने तक अध्यक्ष ने सभी प्रश्नों को पूरा कराया और कहा, ‘‘सदस्यों और सभी मंत्रियों के सहयोग से आज 20 प्रश्न पूरे कर लिये गये जिनके लिए सभी बधाई के पात्र हैं।’’सभी दलों के सदस्यों ने मेजें थपथपाकर इस पर खुशी जताई। बिरला ने कहा, ‘‘मैं आगे भी प्रयास करुंगा कि सदस्य पूरा प्रश्न पूछ सकें और मंत्री संक्षिप्त उत्तर दें। आशा है कि सदन आगे भी शांतिपूर्ण तरीके से चलता रहेगा।’’ संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने भी इस पर हर्ष जताते हुए कहा कि लोकसभा के हाल के इतिहास में यह एक रिकॉर्ड है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आज प्रश्नकाल में आधे घंटे से अधिक समय तक रहे। बुधवार को प्रधानमंत्री कार्यालय, परमाणु ऊर्जा विभाग आदि से संबंधित प्रश्न पूछे गये। लोकसभा अध्यक्ष बिरला सामान्य तौर पर विपक्षी दलों के शोर-शराबे के बीच भी प्रश्नकाल पूरा कराने का प्रयास करते हैं। इस सत्र में सिर्फ सोमवार को एक दिन प्रश्नकाल की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी जब कांग्रेस सदस्यों के विरोध प्रदर्शन के दौरान उनके तथा मार्शलों के बीच धक्कामुक्की की स्थिति बन गयी।
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