लोहरदगा। अंध विश्वास की वजह से एक अधेड़ की हत्या का मामला मंगलवार को प्रकाश में आया है। ग्रामीणों की भीड़ ने लाठी- डंडे से पीट-पीटकर अधेड़ की इस वजह से हत्या कर दी क्योंकि वह ओझा-गुणी का काम करता था। पुलिस ने लाश कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है। सेन्हा थाना अंतर्गत झालज़मीरा गांव में अंधविश्वास में अधेड़ सहनई उरांव (52) की हत्या का मामला सामने में आया है। बताया जाता है कि झालजमीरा गांव के सुकरा उरांव के पुत्र बिरसा उरांव की मौत हो गई। इसके बाद गांव के सभी लोग पानी देने के रस्म के लिए उसके घर गए लेकिन सहनई उरांव इस रस्म में शामिल नहीं हुआ। ग्रामीणों का कहना है कि सुकरा उरांव का छोटा पुत्र सहनई उरांव ओझा-गुणी करता था। इसके कारण बड़े भाई बिरसा उरांव की मौत के बाद लोगों के बुलाने पर भी वह उसके यहां नहीं गया। इस बात को लेकर लोगों में काफी नाराजगी थी। इसके बाद ग्रामीणों ने डायन-बिसाही का आरोप लगाते हुए सहनई उरांव की पिटाई शुरू कर दी। ग्रामीणों ने पहले तो लाठी-डंडों से उसे बुरी तरह से पीट-पीटकर अधमरा कर दिया और उसके बाद पत्थर से कूचकर उसकी हत्या कर दी। हमलावरों ने उसके शव को झालजमीरा गांव के बड़का टोली आंगनबाड़ी केंद्र के पास लाकर फेंक दिया। घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर झालजमीरा गांव पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर मृतक के बेटे के बयान पर कार्रवाई में जुट गई है।
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