नई दिल्ली । कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को पार्टी नेताओं से कहा कि लोकतंत्र और देश के आर्थिक संकट की लड़ाई केवल सोशल मीडिया पर आक्रामक रूख अपनाने से नहीं जीती जा सकती है। इसके लिए कार्यकर्ताओं को जमीनी स्तर पर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलना होगा।
गुरुवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती से जुड़ी योजना बनाने के लिए एक बड़ी बैठक का दिल्ली में पार्टी मुख्यालय पर आयोजन किया। बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पार्टी महासचिव, राज्य प्रभारी एवं राज्यों के प्रमुख और कांग्रेस पार्टी के नेता शामिल हुए। सोनिया गांधी की अध्यक्षता में राहुल गांधी के अध्यक्ष पद त्यागने के बाद यह पहली बैठक है। इस अवसर पर सोनिया गांधी ने कहा कि जमीनी स्तर पर लोगों और पार्टी के बीच जुड़ाव कम हुआ है। हमें बेहतर करना होगा और जनता के पास जाना होगा। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र खतरे में है और जनमत का गलत लाभ उठाया जा रहा है।
बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पुडुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणस्वामी मौजूद रहे। जबकि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बैठक में शामिल नहीं हुए।
बैठक में पार्टी सदस्यता बढ़ाने और आगामी चुनावों में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने से जुड़ी रणनीति पर भी विचार किया गया। इसके अलावा जमीनी स्तर पर लोगों को जुड़ने के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम और ‘प्रेरक’ की नियुक्ति पर भी चर्चा हुई। प्रेरक को राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ (आरएसएस) की प्रचारक व्यवस्था से जोड़कर देखा जा रहा है।
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