बच्चों से दुष्कर्म के मामलों के स्पीडी ट्रायल की मांग


सीजेआई ने एमिकस क्यूरी से कहा कि 10 दिन के भीतर 1 जनवरी 2019 से पहले के बच्चों से दुष्कर्म के मामलों का डेटा कोर्ट को दें

नई दिल्ली। देशभर में बच्चों से दुष्कर्म के बढ़ते मामले पर एमिकस क्यूरी वी गिरी ने पोक्सो कोर्ट में चल रहे सभी मामलों के स्पीडी ट्रायल की मांग की है। गिरी ने कहा है कि अगर बच्चों से यौन शोषण के मामलों को जल्द निपटाना है तो इंफ्रास्ट्रक्चर, जजों और कोर्ट की संख्या बढ़ानी पड़ेगी। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने एमिकस क्यूरी से कहा कि 10 दिन के भीतर 1 जनवरी 2019 से पहले के बच्चों से दुष्कर्म के मामलों का डेटा कोर्ट को दें।

मामले की अगली सुनवाई 25 जुलाई को होगी। चीफ जस्टिस ने एमिकस क्यूरी को कहा कि हमें पिछले 6 महीने का डेटा नहीं चाहिए, बल्कि हम ये जानना चाहते हैं कि देश में उससे पहले क्या थे? अभी 6 महीने के डेटा से पूरी तस्वीर साफ नहीं हो रही। अगर उससे पहले का डेटा मिलेगा तो हम मामले की स्थिति को सही से परख पाएंगे।पिछले 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने देश में बच्चों के यौन शोषण की बढ़ती घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लिया था। चीफ जस्टिस ने सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री को निर्देश दिया था कि वो 1 जनवरी से लेकर अब तक बच्चों के साथ हुए यौन शोषण के मामलों में दर्ज एफआईआर और की गई कार्रवाई पर रिपोर्ट तैयार करें। सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी हाईकोर्ट से आंकड़े मंगवाए हैं।इन आंकड़ों के मुताबिक 1 जनवरी से 30 जून तक देशभर में बच्चों के साथ यौन शोषण के 24 हजार मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें अकेले उत्तरप्रदेश में 3457 मामले दर्ज हैं। मध्यप्रदेश 2389 मामलों के साथ दूसरे नंबर पर है।

This post has already been read 7241 times!

Sharing this

Related posts